इजरायल ने ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमले कर उसे बड़ा नुकसान पहुंचाया है. ऑपरेशन राइजिंग लायन के तहत किए गए इन हमलों में ईरान का नतांज परमाणु साइट तबाह हो गया है और उसके सैन्य कमांडर मारे गए हैं. माना जा रहा है ईरान परमाणु बम बनाने के लिए इस साइट पर यूरेनियम संवर्धन कर रहा था. इजरायल ने ईरान पर यह हमले उसके परमाणु कार्यक्रम को रोकने के उद्देश्य से किए हैं.
ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) ने इजरायली हमलों को लेकर कहा है कि इसमें उनके टॉप कमांडर हुसैन सलामी भी मारे गए हैं. ईरान की स्थानीय मीडिया के मुताबिक, IRGC के तेहरान स्थित हेडक्वार्टर को भी नुकसान पहुंचा है.
इजरायली हमलों से ईरान में हुई बड़ी तबाही पर मध्य-पूर्व के कई देशों की प्रतिक्रिया सामने आई है और वो हमले की निंदा कर रहे हैं. सऊदी अरब ने हमले की निंदा करते हुए ईरान को अपना भाई बताया है.
सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने इजरायल के हमले की निंदा करते हुए एक बयान जारी किया है जिसमें कहा गया है, 'सऊदी अरब, अपने भाई जैसे देश इस्लामिक गणतंत्र ईरान के खिलाफ इजरायल के जबरदस्त आक्रमण की कड़ी निंदा करता है. यह हमला ईरान की संप्रभुता और सुरक्षा को कमजोर करता है और यह अंतरराष्ट्रीय कानूनों और मानदंडों का खुला उल्लंघन है.'
सऊदी अरब और ईरान के बीच सालों चली दुश्मनी के बाद मार्च 2023 में चीन की मध्यस्थता से शांति समझौता हुआ था. समझौते के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में नरमी आई है और ईरान पर इजरायली हमले की निंदा उसी दिशा में एक कदम है.
ओमान
मध्य-पूर्व के एक और देश ओमान ने भी ईरान पर इजरायली हमले की कड़ी निंदा की है. ओमान की तरफ से जारी बयान में कहा गया, 'ओमान सल्तनत इस्लामी गणतंत्र ईरान के खिलाफ इजरायल के जघन्य सैन्य आक्रमण की निंदा करता है जिसमें उसके साइट्स को निशाना बनाया गया और नागरिकों की हत्या कर दी गई. ओमान इस हमले को तनाव बढ़ाने का खतरनाक तरीका मानता है जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों का घोर उल्लंघन है. ऐसा आक्रामक व्यवहार अस्वीकार्य है और क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा को और अस्थिर करता है.'
ओमान की तरफ से आगे कहा गया, 'इस तरह के हमलों से कूटनीतिक रास्ते के बंद होने और क्षेत्रीय सुरक्षा, स्थिरता को नुकसान पहुंचने का खतरा है. ओमान सल्तनत इस तनाव के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराता है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस खतरनाक कार्रवाई को रोकने के लिए दृढ़ और स्पष्ट रुख अपनाने का आह्वान करता है.'
जॉर्डन
ईरान पर इजरायली हमले को लेकर जॉर्डन ने भी कई बयान जारी किए हैं. जॉर्डन सरकार के प्रवक्ता ने शुक्रवार सुबह कहा कि जॉर्डन अपने हवाई क्षेत्र के किसी भी उल्लंघन की अनुमति नहीं देगा और किसी भी संघर्ष के लिए युद्धक्षेत्र के रूप में काम नहीं करेगा.
यह बात उन्होंने इसलिए कही क्योंकि माना जा रहा है कि इजरायल के हमले के बाद ईरान जवाबी हमला कर सकता है और जॉर्डन इजरायल के साथ सीमा साझा करता है.
जॉर्डन के सरकारी संचार मंत्री मोहम्मद अल-मोमानी ने कहा कि जॉर्डन की सुरक्षा एक रेड लाइन है और उसके नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी प्रकार के खतरे को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
यूएई में फ्लाइट्स कैंसिल, कई उड़ानों में की जा रही देरी
मध्य-पूर्व के कई देशों की तरह यूएई ने भी क्षेत्र में तनाव बढ़ता देख अपने फ्लाइट्स को रद्द कर दिया है. एतिहाद एयरवेज ने अबू धाबी और तेल अवीव के बीच दो फ्लाइट्स को कैंसिल कर दिया है और चार अन्य फ्लाइट्स को डिले कर दिया है.