रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने वर्ल्ड वॉर-II के विक्ट्री डे के मौके पर 8 से 10 मई तक यूक्रेन में सीजफायर का ऐलान किया है. क्रेमलिन ने इसे "मानवता के आधार" पर लिया गया फैसला बताते हुए इसकी जानकारी दी. यह सीजफायर 8 मई को स्थानीय समयानुसार रात 12 बजे से शुरू होगा और 10 मई को समाप्त होगा.
इस ऐलान से पहले, रूस और यूक्रेन के बीच भारी बमबारी हुई है. दोनों देशों की सेनाओं ने एक-दूसरे को लॉन्ग रेंज मिसाइलों से निशाना बनाया. रूसी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, रूस ने 119 यूक्रेनी ड्रोन को मार गिराया, जिनमें से ज्यादतर रूस के ब्रायन्स्क सीमा क्षेत्र में थे. वहीं, यूक्रेन में हमले की चेतावनी दी गई थी, हालांकि इन हमलों में फिलहाल किसी हताहत की जानकारी सामने नहीं आई है.
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रूस ने क्यों किया सीजफायर का फैसला?
रूस द्वारा घोषित किए गए सीजफायर का मकसद वर्ल्ड वॉर-II विक्ट्री डे के मौके पर शांति बनाए रखना है, इस दिन दुनिया नाजी जर्मनी की हार को याद करती है. ऐतिहासिक रूप से यह दिन पूर्व सोवियत संघ के लिए काफी अहमियत रखता है, और रूस उम्मीद करता है कि यह सीजफायर एक नई शुरुआत का प्रतीक हो सकता है.
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शांति की बातचीत के बीच रूस पर लगे हमले के आरोप
रूस के इस कदम से युद्धग्रस्त देशों में कितनी शांति स्थापित हो सकेगी, यह देखने वाली बात होगी. पुतिन का फैसला इस सीजफायर के रूप में देखा जा रहा है जो कि यूक्रेन के साथ एक नई बातचीत के दरवाजे खोल सकता है. मगर यह भी अहम है कि दोनों देश कितनी गंभीरता से इसका पालन करते हैं. खासतौर से रूस पर शांति की बातचीत के बीच भी हमले के आरोप लगते रहे हैं.