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'सर्वशक्तिमान' बनने के लिए मुनीर बदल रहे पाकिस्तान का संविधान! सीनेट में पास हुआ बिल

पाकिस्तान की संसद के उच्च सदन सीनेट में 27वें संवैधानिक संशोधन का बिल पास हो गया है. इसके बाद मंगलवार को यह बिल नेशनल असेंबली में पेश किया जाएगा. बिल के कानून बनते ही पाकिस्तान के आर्मी चीफ मुनीर की ताकत और बढ़ जाएगी.

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आसिम मुनीर संविधान संशोधन के जरिए अपनी ताकत बढ़ा रहे हैं
आसिम मुनीर संविधान संशोधन के जरिए अपनी ताकत बढ़ा रहे हैं

पाकिस्तान की संसद के उच्च सदन सीनेट ने सोमवार को विवादास्पद 27वें संवैधानिक संशोधन को मंजूरी दे दी, जिसके तहत चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज (Chief of Defence Forces) नाम से नया पद बनाया जाएगा और एक संवैधानिक न्यायालय (Constitutional Court) की स्थापना की जाएगी. यह बिल मंगलवार को पाकिस्तानी संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली (NA) में पेश किया जाएगा और सरकार के पास पर्याप्त बहुमत को देखते हुए आसानी से पारित भी हो जाएगा. इस बिल के कानून बनते ही पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर की ताकत में कई गुना इजाफा हो जाएगा.

यह बिल मुनीर को सरकार और न्यायपालिका से भी बड़ा बना देगा और माना जा रहा है कि यह संविधान संशोधन साइलेंट तख्तापलट (Silent Coup) है.

विवादित बिल को पाकिस्तान के कानून मंत्री आजम नजीर तरार ने सीनेट में पेश किया जबकि सीनेट अध्यक्ष यूसुफ रजा गिलानी ने कार्यवाही की अध्यक्षता की.

सरकार और उसके सहयोगी दलों ने दो-तिहाई बहुमत (64 वोट) से यह बिल पारित करवाया, जिसमें विपक्ष के दो सदस्यों ने भी समर्थन किया.

संविधान में संशोधन कर मुनीर ने खुद को बना लिया 'सर्वशक्तिमान'

संशोधन विधेयक के तहत, राष्ट्रपति सेना प्रमुख (Army Chief) और चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज की नियुक्ति प्रधानमंत्री की सलाह पर करेंगे. इसमें यह भी प्रस्ताव है कि ज्वॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के चेयरमैन का कार्यकाल 27 नवंबर 2025 को समाप्त हो जाएगा.

इस बिल के कानून बनते ही मुनीर चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज के भी प्रमुख बन जाएंगे. इसी के साथ ही वो प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से परामर्श कर नेशनल स्ट्रैटेजिक कमांड के प्रमुख की नियुक्ति करेंगे, और यह प्रमुख पाकिस्तान आर्मी से होगा.

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सरकार को यह अधिकार होगा कि वह सशस्त्र बलों के अधिकारियों को फील्ड मार्शल, मार्शल ऑफ द एयर फोर्स, और एडमिरल ऑफ द फ्लीट के पद तक पदोन्नत कर सके. फील्ड मार्शल का पद और विशेषाधिकार आजीवन होंगे, यानी फील्ड मार्शल अपने जीवन भर उस पद पर बने रहेंगे. मुनीर ने इस संशोधन के जरिए खुद को जीवनभर फील्ड मार्शल बनाए रखने का इंतजाम कर लिया है.

पाकिस्तान में बनाया जाएगा नया कोर्ट

बिल में यह भी प्रस्ताव है कि संविधान से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए एक संघीय संवैधानिक न्यायालय (Federal Constitutional Court) की स्थापना की जाए.

वर्तमान सुप्रीम कोर्ट केवल पारंपरिक दीवानी और आपराधिक मामलों की सुनवाई करेगी. इसका मतलब यह हुआ कि पाकिस्तान में अब दो मुख्य न्यायाधीश होंगे, एक संवैधानिक कोर्ट का और दूसरा सुप्रीम कोर्ट ऑफ पाकिस्तान का.

इमरान खान की पार्टी ने किया बिल का विरोध

बिल पास होने से पहले सीनेट में बिल पर धारा-दर-धारा वोटिंग हुई. बाद में, औपचारिक प्रक्रिया के तहत एंट्री और एग्जिट गेट बंद करके विभाजन के जरिए वोटिंग की गई.

जैसे ही वोटिंग शुरू हुई, इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के नेतृत्व में विपक्षी सांसदों ने सरकार और उसके सहयोगी दलों के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. विधेयक पेश किए जाने के दौरान उन्होंने बिल की प्रतियां फाड़कर कानून मंत्री की ओर फेंकीं.

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इसके बाद अधिकांश विपक्षी सांसद वॉकआउट कर गए, जबकि कुछ थोड़ी देर तक नारेबाजी करते रहे और फिर सदन से बाहर निकल गए. उनके बाहर जाने के बाद बिल आराम से पारित हो गया.

इससे पहले, सीनेट और नेशनल असेंबली की संयुक्त स्थायी समिति की बैठक का पाकिस्तान के विपक्ष ने बहिष्कार किया था. उस बैठक में मामूली संशोधनों के साथ 27वें संवैधानिक संशोधन विधेयक को मंजूरी दी गई थी.

समिति के अध्यक्ष फारूक नाइक ने ऊपरी सदन में रिपोर्ट पेश करते हुए बताया कि संयुक्त समिति ने दो दिनों तक बिल पर विचार किया और कई बदलाव किए.

सीनेट की मंजूरी के बाद अब यह बिल नेशनल असेंबली (NA) में पेश होगा, जिसमें कुल 336 सांसद हैं. सरकार के पास पहले से ही 233 सांसद हैं जो दो-तिहाई बहुमत (226 वोट) से अधिक है इसलिए बिल पारित होने की पूरी संभावना है. बिल के कानून बनते ही पाकिस्तान में मुनीर की ताकत और बढ़ जाएगी और शहबाज शरीफ सरकार पर उनकी पकड़ और भी मजबूत हो जाएगी. 

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