सत्ता विरोधी लोगों के रातों रात 'गायब' हो जाने के लिए कुख्यात पाकिस्तान में एक और राजनैतिक कार्यकर्ता को 'अज्ञात लोग' उठा ले गए हैं. राजनैतिक कार्यकर्ता आलमगीर वजीर पख्तूनों की संस्था पख्तून कौंसिल के पूर्व चेयरमैन हैं. उन्हें पंजाब विश्वविद्यालय परिसर से कुछ लोग उठा ले गए.
पख्तून कौंसिल के सदस्यों का आरोप है कि आलमगीर शनिवार शाम से विश्वविद्यालय से लापता हैं. उन्होंने आलमगीर की सकुशल वापसी की मांग को लेकर प्रदर्शन किया है.
आलमगीर के चचेरे भाई रियाज खान ने पुलिस को दी गई गई शिकायत में कहा है कि आलमगीर को कुछ अज्ञात लोगों ने विश्वविद्यालय से अगवा कर लिया है. वह अपनी डिग्री लेने के लिए परिसर पहुंचे थे.
रियाज ने कहा कि आलमगीर बीते दो दिनों से उनके साथ हास्टल में रह रहे थे.पुलिस अधीक्षक अजमल खान ने कहा कि उन्हें खान की तरफ से शिकायत मिली है और वे इसे देख रहे हैं.
संसद मोहसिन डावर ने भी आलमगीर की रिहाई की मांग की है. उन्होंने एक ट्वीट में बताया कि आलमगीर, सांसद अली वजीर के रिश्तेदार हैं. उन्हें अज्ञात लोग पंजाब विश्वविद्यालय से उठा ले गए हैं. यह बेहद शर्मनाक और निंदनीय है. हम उनकी तुरंत रिहाई की मांग कर रहे हैं. जिन्होंने यह गैरकानूनी हरकत की है, उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जाए.
आलमगीर ने शुक्रवार को लाहौर में छात्र संगठनों के छात्र एकजुटता मार्च में हिस्सा लिया था. पंजाब विधानसभा के बाहर प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था, "अगर वजीरिस्तान के युवा मारे न गए होते या अगवा नहीं किए गए होते तो आज इस मार्च में सैकड़ों और पश्तून छात्र हिस्सा ले रहे होते."
उन्होंने वजीरिस्तान में सेना की कथित ज्यादतियों की निंदा की थी और कहा था कि सेना खैबर पख्तूनख्वा और बलोचिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों को चुरा रही है.
पख्तून कौंसिल के सदस्यों ने बताया कि आलमगीर को पंजाब विश्वविद्यालय के नए कैंपस में शाम पांच बजे के आसपास देखा गया जब कुछ अज्ञात लोग एक वाहन में आए और उन्हें अपने साथ ले गए. कौंसिल के सदस्यों ने कुलपति आवास पर धरना दिया और कहा कि आलमगीर की रिहाई होने तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा.