operation sindoor live update: भारत ने पहलगाम हमले का बदला लेते हुए पाकिस्तान के नौ ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की है. इस स्ट्राइक का नाम 'Operation Sindoor' दिया गया है. भारत ने पाकिस्तान के जिन ठिकानों पर हमला किया है उनमें लाहौर के करीब मुरीदके शहर का मस्जिद और मजार भी है. एक CCTV वीडियो में एयर स्ट्राइक के धमाके की आवाज सुनाई दे रही है. वीडियो रात 12 बजकर 35 मिनट का है. वीडियो में एक के बाद एक कई धमाकों की आवाज गूंज रही है. लेकिन मुरीदके को ही क्यों बनाया गया निशाना. आइए जानते हैं.
भारत की टारगेट पर आतंकी ठिकाने थे. जैसे बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर हमला किया गया.
मुरीदके लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का गढ़
लाहौर के पास मुरीदके, लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का मुख्यालय है, जिसे जमात-उद-दावा (JuD) के नाम से भी जाना जाता है. इसका नेतृत्व हाफिज़ मुहम्मद सईद कर रहा है, जो 26/11 मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड है.
26/11 मुंबई हमलों से जुड़ी कड़ी
26/11 के बाद, मुरीदके हाईलाइट में आया जहां से भारत के खिलाफ वैचारिक युद्ध छेड़ा जा रहा था. मुरीदके में मरकज-ए-तैयबा परिसर में स्थित मस्जिद तैयबा, लश्कर की गतिविधियों का अड्डा है.
इस परिसर में एक मस्जिद, मदरसा, अस्पताल और आतंकवादी ट्रेनिंग सेंटर शामिल हैं. 26/11 के एकमात्र जीवित बचे हमलावर अजमल कसाब ने मुरीदके में प्रशिक्षण लेने की बात कबूल की थी.
एक CCTV वीडियो में एयर स्ट्राइक के धमाके की आवाज सुनाई दे रही है. वीडियो रात 12 बजकर 35 मिनट का है. वीडियो में एक के बाद एक कई धमाकों की आवाज गूंज रही है.
सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह सैन्य कार्रवाई बेहद सावधानी और रणनीति के साथ की गई थी. इसका उद्देश्य केवल आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाना था, न कि पाकिस्तानी सेना या उनके सैन्य प्रतिष्ठानों को. भारत ने इस ऑपरेशन को ‘गैर-उत्तेजक’ (non-escalatory) बताया है, जिससे यह स्पष्ट किया गया कि भारत युद्ध नहीं चाहता, लेकिन आतंकी गतिविधियों को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगा.
ऑपरेशन सिंदूर के तहत कुल 9 ठिकानों को निशाना बनाया गया, जो खुफिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारत में हमलों की साजिश रचने में शामिल थे. ये ठिकाने पाकिस्तान और पीओके के विभिन्न हिस्सों में फैले हुए थे.
सरकारी बयान में कहा गया है कि भारत ने निशानों के चयन और हमले के तरीके दोनों में पूरी संयमितता दिखाई है. यह कार्रवाई केवल आतंकवाद के खिलाफ थी और इसमें आम नागरिकों को नुकसान पहुंचाने से पूरी तरह बचा गया.
यह ऑपरेशन भारत की उस नीति को दोहराता है जिसमें आतंक के विरुद्ध कड़ा रुख अपनाते हुए सीमापार ठिकानों पर सटीक और सीमित कार्रवाई को प्राथमिकता दी जाती है.