बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने एक बार फिर भारत पर तीखी टिप्पणी की है. न्यूयॉर्क में एशिया सोसाइटी में आयोजित इंटरैक्टिव सेशन में यूनुस ने आरोप लगाते हुए कहा कि फिलहाल भारत के साथ बांग्लादेश के संबंध तनावपूर्ण हैं क्योंकि भारत को उनके देश के छात्रों द्वारा किए गए हालिया आंदोलन पसंद नहीं आए.
यूनुस ने कहा, "हमें अभी भारत के साथ कुछ दिक्कते हैं. उन्हें यह अच्छा नहीं लगा कि बांग्लादेश में छात्र क्या कर रहे हैं. और वे शेख हसीना की मेजबानी कर रहे हैं, जो पूर्व प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने ये सारी समस्याएं पैदा कीं और अपने कार्यकाल में कई युवा लोगों को मारने जैसी घटनाओं को अंजाम दिया. यही चीज भारत और बांग्लादेश के बीच तनाव पैदा कर रही है.
उन्होंने आगे दावा करते हुए कहा कि सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफॉर्म से लगातार भारत की ओर से फर्जी खबरें और प्रचार फैला रहे हैं, जिसमें इस आंदोलन को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है. वे इसे इस्लामी आंदोलन और छात्रों को तालिबानी बता रहे हैं. कह रहे हैं कि उन्हें ट्रेनिंग दी गई है. वे तो यहां तक कहते हैं कि मैं भी तालिबानी हूं. हालांकि मेरे पास दाढ़ी नहीं है और मैं घर पर ही रहा. फिर भी, मेरा प्रचार लगातार जारी है.
यूनुस ने जोर देते हुए कहा कि इसलिए मुझे सामने आकर अपनी पहचान दिखानी पड़ी. उन्होंने कहा, "देखिए, यह मुख्य तालिबान है. यही स्थिति वास्तविकता में है."
बता दें कि यह टिप्पणी तब आई है जब बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार न्यूयॉर्क में हैं और संयुक्त राष्ट्र के सत्र में भाग ले रहे हैं. यूनुस का कहना है कि भारत के साथ यह तनाव केवल छात्रों के आंदोलनों और मीडिया प्रचार के कारण उत्पन्न हुआ है और इसे राजनीतिक रूप से बढ़ाया जा रहा है.
पिछले साल शेख हसीना को छोड़ना पड़ा देश
गौरतलब है कि बांग्लादेश में पिछले साल कोटा सिस्टम को लेकर शुरू हुआ छात्र आंदोलन, जन विद्रोह में बदल गया और शेख हसीना को 5 अगस्त, 2024 को सत्ता से बेदखल होना पड़ा. सुरक्षा कारणों से वह भागकर भारत आ गईं. इसके बाद यूनुस को अंतरिम सरकार का मुख्य सलाहकार नियुक्त किया गया. बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल में हसीना पर मानवता के खिलाफ अपराध समेत कई आरोपों के तहत मुकदमा चल रहा है.
कुछ समय पहले ही मोहम्मद यूनुस ने घोषणा की थी कि बांग्लादेश में आम चुनाव अगले साल फरवरी में होंगे, और इसके बाद चुनाव आयोग ने घोषणा की कि मतदान फरवरी के पहले सप्ताह में होगा.