अमेरिका में चल रहे तस्करी के एक मामले में मिशिगन यूनिवर्सिटी की एक लैब से जुड़े तीन और चीनी शोधकर्ताओं पर आरोप लगाए गए हैं. शिकायत के मुताबिक, शू बाई और फेंगफान झांग पर अमेरिका में सामान की तस्करी की साजिश रचने का आरोप है. उन पर आरोप है कि उन्होंने नेमाटोड (एक प्रकार के राउंडवर्म) पर शोध से संबंधित कई पैकेज मंगवाए थे. यह शिकायत 4 नवंबर को डेट्रॉयट की अदालत में दर्ज की गई.
कुल चार शोधकर्ताओं पर दर्ज हो चुका है मामला
तीसरे व्यक्ति, 30 वर्षीय झियॉन्ग झांग पर जांचकर्ताओं से झूठे बयान देने का आरोप लगाया गया है. इन तीन नए नामों के जुड़ने से मिशिगन यूनिवर्सिटी के लाइफ साइंसेज इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर शॉन शू की लैब से जुड़े कुल चार शोधकर्ताओं पर मामला दर्ज हो चुका है.
16 अक्टूबर को किया गया था गिरफ्तार
इससे पहले चीनी नागरिक चेंगशुआन हान ने राउंडवर्म तस्करी के मामले में 'नो कॉन्टेस्ट' (अपराध स्वीकार न करना लेकिन विरोध भी न करना) की दलील दी थी. शू बाई, फेंगफान झांग और झियॉन्ग झांग तीनों J-1 वीजा पर अमेरिका में रह रहे थे और शू लैब में काम कर रहे थे.
तीनों को 16 अक्टूबर को JFK अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था. हान भी इसी लैब में काम करता था, जहां राउंडवर्म के जरिए सेंसरी बायोलॉजी यानी संवेदनात्मक जीवविज्ञान का अध्ययन किया जाता है.