मुंबई आतंकी हमले की 14वीं बरसी पर न्यूयॉर्क में पाकिस्तानी वाणिज्य दूतावास के बाहर भारतीय समुदाय के कई सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने इस कायरतापूर्ण हमले के दोषियों को सजा दिलाने की मांग की. यहां मौजूद लोगों ने 'वंदे मातरम' और 'भारत माता की जय' के नारे लगाए. उनके हाथों में 'मुंबई 26/11' और हम माफ नहीं करेंगे. हम नहीं भूलेंगे' और '#Sanction Pakistan.' लिखी लिखी तख्तियां थीं.
उनके पास दूतावास के बाहर एक डिजिटल वैन भी खड़ी थी, जिसमें 26/11 के मास्टरमाइंड हाफिज सईद और आतंकवादी अजमल कसाब के साथ-साथ मुंबई में ताज होटल की जलती हुई तस्वीरें दिखाई दे रही थीं. दुनियाभर के अलग-अलग हिस्सों में इसको लेकर विरोध प्रदर्शन देखने को मिले हैं.
United States | Indian Americans & South Asian Diaspora protested against the 26/11 #MumbaiTerrorAttack in front of the Pakistan Consulate in New York. Demonstrations also took place in front of the Pakistan Consulate in Houston, Chicago & Pakistan Community Centre in New Jersey. pic.twitter.com/iuWRhnnvUe
— ANI (@ANI) November 27, 2022
बता दें कि मुंबई आतंकी हमला 26 नवंबर को हुआ और 29 नवंबर, 2008 तक चला. इसमें कई अन्य विदेशी नागरिकों सहित कुल 166 लोग मारे गए थे और 300 से अधिक अन्य घायल हुए थे. हमले का जवाब देते हुए भारतीय सुरक्षा बलों ने पाकिस्तान स्थित लश्कर के नौ आतंकवादियों को मार गिराया. अजमल कसाब इकलौता आतंकी था, जिसे जिंदा पकड़ा गया था. चार साल बाद 21 नवंबर 2012 को उसे फांसी दे दी गई.
प्रदर्शनकारियों में शामिल शशांक तेलकिकर ने कहा, "हम सभी समान विचारधारा वाले देशों से अनुरोध करते हैं कि वे एक साथ आएं और आतंकवादियों को न्याय के कटघरे में लाने तक पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाएं." एक अन्य प्रदर्शनकारी, रविशंकर ने कहा कि भारतीय प्रवासी राज्य प्रायोजित आतंकवाद के नृशंस कृत्यों के विरोध में पाकिस्तान वाणिज्य दूतावास के सामने एकत्र हुए हैं. इसे हम कभी नहीं भूलेंगे और न ही कभी माफ करेंगे.
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा था, “आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है, क्योंकि आईएसआईएस और अल-कायदा संबद्ध हैं और प्रेरित आतंकवादी समूह, विशेष रूप से एशिया और अफ्रीका में नागरिकों और सुरक्षा बलों को लक्षित करना जारी रखते हैं. हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि नवंबर 2008 में 10 आतंकवादी पाकिस्तान से समुद्री रास्ते से मुंबई शहर में घुसे थे, शहर को 4 दिनों तक तबाह करते रहे, जिसमें 26 विदेशी नागरिकों सहित 166 लोग मारे गए थे.”