इजरायल इस वक्त चौतरफा युद्ध में घिरा हुआ है. उसकी सेना एक साथ कई मोर्चों पर जंग लड़ रही है. आईडीएफ (इजरायली डिफेंस फोर्स) गाजा में लगातार हवाई हमले कर रही है. शुक्रवार को इज़रायली हमले में कम से कम 44 फिलिस्तीनी मारे गए हैं. इनमें ज़्यादातर लोग खाने की तलाश में थे. इसी के साथ, संयुक्त राष्ट्र की चिल्ड्रेन एजेंसी ने गाजा में पीने के पानी के गंभीर संकट की चेतावनी दी है.
हमास द्वारा संचालित स्थानीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने बताया कि मध्य गाजा में नेत्ज़ारिम के दक्षिण में इज़रायली कार्रवाई में 25 लोग मारे गए. गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन, जो अमेरिका समर्थित खाद्य वितरण प्रणाली चला रहा है, का एक सहायता सेंटर भी सक्रिय है. इस क्षेत्र से संयुक्त राष्ट्र समेत कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों के राहत ट्रक गुजरते हैं, जिसके इंतजार में लोग खड़े रहते हैं.
अपने उपर लोगों आरोपों पर इजरायली सेना ने कहा कि उसके सैनिकों ने भीड़ में मौजूद संदिग्ध आतंकियों पर चेतावनी स्वरूप गोलियां चलाई थीं. इसके बाद इजरायली एयरफोर्स ने एक मिसाइल दागी, जिसमें कई संदिग्ध आतंकी मारे गए. इसी के साथ डेर अल-बलाह इलाके में भी 19 लोग मारे गए, जिनमें एक ही परिवार के 12 सदस्य शामिल थे.
उधर, इज़रायल और ईरान के बीच तनाव भी चरम पर है. मध्य इज़रायल में ईरानी मिसाइल हमले के बाद एक इमारत में आग लग गई. राहत-बचाव दल समय पर पहुंच गया और इमारत को खाली करा लिया गया. किसी के घायल होने की पुष्टि नहीं हुई है. शनिवार सुबह यरूशलम और तेल अवीव पर भी ईरान ने मिसाइलें दागी थीं.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को लेकर कड़ा रुख जारी रखा है. न्यू जर्सी में उन्होंने कहा कि उनकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक का आकलन ईरान पर गलत है. खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने दावा किया था कि ईरान के पास परमाणु हथियार बनाने की कोई ठोस योजना नहीं है. ट्रंप ने ईरान की ऊर्जा जरूरतों और यूरोपीय देशों की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाए.
जिनेवा में ईरान और यूरोपीय देशों की बातचीत पर ट्रंप ने तंज कसा कि यूरोप इस संघर्ष में कुछ खास नहीं कर सकता. उन्होंने ईरान को अमेरिका से बातचीत की सलाह दी और स्थिति को देखते हुए युद्धविराम पर सहमति जताई. उधर, ईरान ने दावा किया है कि 13 जून से अब तक इज़रायली हमलों में 400 से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं.