इजरायल ने 12 जून को Operation Rising Lion के तहत ईरान के न्यूक्लियर प्रतिष्ठानों पर मिसाइल अटैक किया. ईरान ने जवाबी कार्रवाई में इजरायल की राजधानी तेल अवीव सहित आसपास के रिहायशी इलाकों को निशाना बनाकर हमले करना शुरू कर दिया. बीते लगभग 100 घंटे से दोनों ओर से लगातार हमले जारी हैं. जान एवं माल का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है, जिसने मिडिल ईस्ट में स्थिति को और भी विकराल बना दिया है.
इजरायल ने ऑपरेशन राइजिंग लॉयन के तहत चुन-चुनकर ईरान के परमाणु ठिकानों और सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया. इजरायल ने ये हमला ईरान के परमाणु कार्यक्रम के विरोध में किया गया.
ईरान ने 13 जून से True Promise 3 के तहत इजरायल पर सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलें और ड्रोन हमले किए, जिसमें तेल अवीव, हाइफा और रेहोवोत जैसे शहरों को निशाना बनाया गया. इजरायल ने ईरान के प्रमुख परमाणु संवर्धन केंद्र नतांज को नुकसान पहुंचाया, जो ईरान के परमाणु कार्यक्रम का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है.
इजरायल ने ईरान के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल मोहम्मद बाघेरी, इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के कमांडर इन चीफ जनरल हुसैन सलामी, आईआरजीसी की एयरोस्पेस फोर्स के प्रमुख ब्रिगेडियर जनरल अमीर अली हाजीजादेह, ईरानी सेना के डिप्टी कमांडर जनरल गुलाम अली राशिद, खुफिया विभाग के डिप्टी हेट जनरल गुलाम रेजा मेहराबी, सशस्त्रबलों के जरनल स्टाफ में ऑपरेशंस डिपार्टमेंट के डिप्टी हेड जनरल मेहदी रब्बानी, आरजीडी के खुफिया संगठन के चीफ मोहम्मद काजमी और ईरानी सेना के डिप्टी कमांडर मेजर जनरल अली शादमानी सहित ईरान के कई वरिष्ठ कमांडर्स को ढेर कर दिया.
ईरान पर कहर बनकर टूट रहा इजरायल
इसके साथ ही इजरायल ने ईरान के कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के अलावा नौ से अधिक परमाणु वैज्ञानिकों को मार गिराया. यह ईरान के सैन्य और परमाणु नेतृत्व के लिए बड़ा झटका है. इजरायल ने ईरान के 120 से अधिक सतह से सतह तक मार करने वाले मिसाइल लॉन्चर और कुर्द्स फोर्स के मुख्यालय को नष्ट किया, जिससे ईरान की जवाबी हमले की क्षमता कमजोर हुई.
मशहद हवाईअड्डे पर ईरान के एक रिफ्यूलिंग विमान को नष्ट करना और तेहरान में कुद्स फोर्स के ठिकानों पर हमला इजरायल की लंबी दूरी की सैन्य क्षमता को दर्शाता है. इजरायल की एयर डिफेंस सिस्टम जैसे- एरो, डेविड स्लिंग और आयरन डोम ने ईरान की 100 से अधिक मिसाइलों और 300 ड्रोनों में से अधिकांश को इंटरसेप्ट कर लिया, केवल कुछ ही मिसाइलें ही इजरायल को भेद सकी, जिससे नुकसान हुआ.
अमेरिका, ब्रिटेन और जॉर्डन ने भी इजरायल की रक्षा में ड्रोन और मिसाइलें रोकीं, जिससे इजरायल की रक्षा और मजबूत हुई. इजरायल में हताहतों की संख्या ईरान की तुलना में काफी कम रही. इजरायल की सटीक रक्षा और आश्रय प्रणाली ने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की.
इजरायल के 200 से अधिक लड़ाकू विमानों ने पांच चरणों में 100 से अधिक लक्ष्यों पर हमला किया, जो इसकी सैन्य श्रेष्ठता को दर्शाता है. बता दें कि इजराइली हमलों में अब 224 ईरानी मारे जा चुके है, जबकि 1,481 लोग घायल हुए हैं। वहीं, इजराइल में अब तक 24 लोग मारे गए हैं, जबकि 600 से ज्यादा घायल हैं.
वहीं, इजरायल के हमलों के जवाब में ईरान का ‘ट्रू प्रॉमिस 3’ सैन्य ऑपरेशन चल रहा है. इसके तहत ईरान ने 150 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें इजराइल की ओर दागी जा रही हैं. ईरान का प्रमुख निशाना इजरायल की राजधानी तेल अवीव है. इसके साथ ही तेल अवीव से सटे शहर बैट याम को भी निशाना बनाया जा रहा है.