Israel-Iran Conflict LIVE News & Latest Updates: इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष छठे दिन भी जारी है. इसी बीच जानकारी आ रही कि चीन ने ईरान और इजरायल से अपने 700 नागरिकों को सुरक्षित निकाल लिया है. बुधवार को IDF ने बताया कि इजरायल रक्षा बलों ने ईरान की रिफाइनरीज और सैन्य कमांड पर हमला कर उन्हें तबाह कर दिया. जबकि ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने दावा किया कि बुधवार को ईरानी बलों ने इजरायल पर किए हालिया हमले में हाइपरसोनिक Fatah-1 मिसाइलें दागीं हैं.
इसी बीच इजरायली रक्षा बल ने बताया कि मंगलवार और बुधवार की दरमियानी रात को IDF ने तेहरान में स्थित ईरान के सेंट्रीफ्यूज प्रोडक्शन और कई हथियार बनाने वाली जगहों को निशाना बनाते हुए हमला किया जो ईरान के परमाणु हथियारों और मिसाइल प्रोग्राम का मुख्य हिस्सा थीं. हमले में सेंट्रीफ्यूज और मिसाइल प्रोडक्शन तबाह हो गए हैं, जिससे ईरान को भारी नुकसान हुआ है.
ईरानी अधिकारियों एक ह्यूमन राइट समूह के हवाले से बताया है कि ईरान पर इजरायली हमलों में 585 लोग मारे गए हैं और 1,326 अन्य घायल हुए हैं. जबकि इजरायल पर किए गए ईरानी हमलों में 20 से ज्यादा लोग मारे गए हैं.
इजरायल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष से जुड़े सभी लेटेस्ट अपडेट्स पढ़ने के लिए इस पेज पर बने रहें.
चीन का कहना है कि इजरायल और ईरान से 700 से ज़्यादा नागरिकों को निकाला गया है. चीन के विदेश मंत्रालय का कहना है कि 700 से ज़्यादा चीनी नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है और 1,000 से ज़्यादा लोगों को निकाले जाने की प्रक्रिया चल रही है. मंत्रालय ने कहा कि ईरान और इजरायल के बीच चल रही जंग में अब तक कोई भी चीनी नागरिक नहीं मारा गया है.
इजरायल के ताबड़तोड़ हमले के बाद ईरान के तेहरान समेत कई शहरों में अफरातफरी का माहौल है. तेहरान में आधे से ज्यादा बैंक बंद हैं. स्टॉक एक्सचेंज में कामकाज ठप है. इजरायल की धमकी के बाद लोग अपने सपनों के आशियाने को छोड़कर शहर से बाहर जा रहे हैं. इस वजह से पेट्रोल पंप पर लंबी कतारें दिख रही हैं तो सड़कों पर भी भारी जाम है.
इजरायली रक्षा बल ने बताया कि आईडीएफ ने तेहरान में स्थित ईरान के सेंट्रीफ्यूज प्रोडक्शन और कई हथियार बनाने वाली जगहों को निशाना बनाते हुए हमला किया. हमले में सेंट्रीफ्यूज और मिसाइल बनाने वाली साइटों को तबाह कर दिया है, जिससे ईरान को भारी नुकसान हुआ है.
आईडीएफ ने बताया कि इस हमले के 50 से ज्यादा 50 लड़ाकू विमानों में अंजाम दिया. इस हमले में यूरेनियम को समृद्ध करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सेंट्रीफ्यूज के प्रोडक्शन और सरफेस टू सरफेस मार करने वाली मिसाइलों को बनाने वाली साइट तबाह कर दी है.
इजरायली सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ्रिन ने बुधवार को बताया कि हम अब ऑपरेशन "राइजिंग लॉयन" पर हैं. हमने ईरान की परमाणु, बैलिस्टिक और कमांड क्षमताओं पर गहरी चोट पहुंचाई है. ईरानी शासन ने परमाणु हथियार के करीब पहुंचने में वर्षों लगा दिए हैं, उन्होंने बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम बनाने में अरबों खर्च किए. पर हमारा मिशन स्पष्ट है- खतरे को उसके स्रोत से हटाना. हम सैन्य ठिकानों पर निशाना साध रहे हैं, वे नागरिक घरों पर हमला कर रहे हैं. हम ईरान से खतरों को दूर करने के लिए काम कर रहे हैं.
ईरान-इजरायल के बीच जंग वक्त के साथ और भीषण होती जा रही है. ईरान-इजरायल के बीच लड़ाई छठे दिन में प्रवेश कर गई है. अब जानकारी आ रही है कि ईरान ने इजरायल पर किए हालिया हमले में हाइपरसोनिक मिसाइलें दागीं हैं. ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स ने बुधवार को कहा कि इजरायल पर हुए हालिया हमले के दौरान हाइपरसोनिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया.
सरकारी टीवी द्वारा जारी एक बयान में गार्ड्स ने दावा किया कि फत्ताह-1 मिसाइलों का इस्तेमाल करके ऑपरेशन ऑनेस्ट प्रॉमिस 3 की 11वीं वेव को अंजाम दिया गया. बयान में दावा किया गया है कि ईरानी बलों ने कब्जे वाले इलाकों के आसमान पर पूरा नियंत्रण हासिल कर लिया है.
ईरानी न्यूज एजेंसी Mehr के मुताबिक, ईरान ने बुधवार को तड़के इजरायल की तरफ फत्ताह मिसाइलें दागी हैं.
सीएनएन ने अपनी रिपोर्ट में बताया, ईरान के मुताबिक, फत्ताह मिसाइलें एक 'हाइपरसोनिक' मिसाइल हैं, जो मैक 5 या ध्वनि की गति से पांच गुना (करीब 3,800 मील प्रति घंटा, 6,100 किलोमीटर प्रति घंटा) की स्पीड से यात्रा करती हैं.
Times of Israel ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि ईरानी समाचार एजेंसियों के मुताबिक, ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स ने तेल अवीव के कुछ इलाकों को खाली करने की चेतावनी जारी की है.
इस चेतावनी में हिब्रू में एक बयान शामिल है, जिसमें निवासियों से उत्तरी तेल अवीव के कुछ हिस्सों को तुरंत छोड़ने के लिए कहा गया है. यह धमकी तब आई है, जब IDF ने फ़ारसी में इसी तरह की चेतावनी जारी की थी, जिसमें तेहरान के कुछ हिस्सों से लोगों को निकालने के लिए कहा गया था. ईरान की चेतावनी में एक नक्शा है, जो इज़रायली चेतावनी में शामिल नक्शे के जैसा दिखाई देता है.
ईरान ने हाल के घंटों में इज़रायल पर दो मिसाइलें दागीं. गंभीर चोटों या आवासीय इलाकों में नुकसान की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है.
इज़रायली सेना का कहना है कि उसने डिस्ट्रिक्ट 18 के निवासियों को खाली करने की चेतावनी देने के कुछ ही घंटों बाद तेहरान के पास की जगहों को निशाना बनाकर नए हवाई हमले शुरू किए हैं. IDF ने कहा कि हमलों का मकसद राजधानी में ईरानी सैन्य बुनियादी ढांचे को खत्म करना है. विस्फोटों के बाद इलाके में धुआं उठता देखा गया.
ईरानी न्यूज एजेंसियों के मुताबिक, ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने तेल अवीव के आस-पास के इलाकों को खाली करने की चेतावनी जारी की है. रिवोल्यूशनरी गार्ड्स का कहना है कि ईरान की फतह मिसाइलें इजरायल की सुरक्षा को भेदकर अंदर घुस गईं, जिससे उसे इजरायल के एयरस्पेस पर 'पूरी तरह से कब्ज़ा' मिल गया.
इज़रायली सेना ने कहा है कि उसने तेहरान पर हमलों की लहर शुरू कर दी है. आईडीएफ ने कहा कि वायु सेना ने अब तेहरान इलाके में हमलों की लहर शुरू कर दी है.
ईरान ने इजरायल पर किए गए नए हमले में एक बार फिर से मिसाइलों की बौछार की है. एक घंटे से भी कम वक्त में ईरान से इज़रायल की ओर करीब 30 मिसाइलें दागी गईं, जिनमें तेल अवीव समेत कई इलाके शामिल थे. इज़रायल फायर एंड रेस्क्यू सर्विसेज के मुताबिक, मिसाइलों के हमले की वजह से तटीय, दक्षिणी और मध्य क्षेत्रों में खुले इलाकों में कई जगह आग लग गई.
इससे पहले, मध्य और उत्तरी इज़राइल में कई जगहों पर सायरन की आवाज़ें सुनी गईं.
इज़रायली सेना का कहना है कि लोगों को ईरानी राजधानी के औद्योगिक क्षेत्र को छोड़ देना चाहिए, जिसे मेहराबाद एयरपोर्ट के पास डिस्ट्रिक्ट 18 के नाम से जाना जाता है.
इज़रायली सेना के प्रवक्ता ने कहा, "आने वाले घंटों में, सेना इस इलाके में काम करेगी, जैसा कि उसने पिछले दिनों तेहरान के इलाकों में शासन से संबंधित सैन्य बुनियादी ढांचे पर हमला करने के लिए किया था."
अमेरिकी विदेश विभाग ने मंगलवार को कहा कि इलाके में सुरक्षा स्थिति के कारण और इजरायल के दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए यरुशलम में अमेरिकी दूतावास बुधवार से शुक्रवार तक बंद रहेगा.
विदेश विभाग ने कहा, "सुरक्षा स्थिति को देखते हुए और इजरायल होम फ्रंट कमांड के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए, यरुशलम में अमेरिकी दूतावास बुधवार, 18 जून से शुक्रवार (20 जून) तक बंद रहेगा. इसमें यरुशलम और तेल अवीव में वाणिज्य दूतावास अनुभाग शामिल हैं."
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, इज़रायल का कहना है कि उसने ईरान से दागी गई मिसाइलों का पता लगाया है, जो पिछली बमबारी के एक घंटे से भी कम वक्त के बाद आई हैं. मध्य इज़राइल में सायरन बज रहे हैं. फ़िलहाल इज़रायल में स्थानीय समयानुसार सुबह 1:33 बजे का वक्त है. इज़राइल के एयर डिफेंस ने तेल अवीव के ऊपर से प्रोजेक्टाइल्स को रोकने की कोशिश की है. पूरे शहर में धमाकों और सायरन की आवाज़ें सुनी गईं.
वहीं, इज़रायली सैन्य प्रवक्ता ने तेहरान में एक निश्चित इलाके के लिए निकासी की चेतावनी जारी की है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकियों के बाद किए गए अपने पहले सोशल मीडिया पोस्ट में ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने लिखा, "जंग शुरू हो गई है."
एक अन्य पोस्ट में खामेनेई ने लिखा, "हमें आतंकवादी ज़ायोनी शासन को कड़ा जवाब देना चाहिए. हम ज़ायोनीवादियों पर कोई दया नहीं दिखाएंगे.
अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, अमेरिकी सेना अतिरिक्त लड़ाकू विमान तैनात करके और मौजूदा युद्धक विमानों की तैनाती का विस्तार करके मिडिल ईस्ट में अपनी उपस्थिति को मजबूत कर रही है, अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह कदम ऐसे वक्त में उठाया गया है, जब ट्रंप ईरानी परमाणु सुविधाओं पर इजरायल के चल रहे हमलों में शामिल होने पर विचार कर रहे हैं.
ईरानी मीडिया के मुताबिक, ईरान की राजधानी तेहरान और पास के शहर करज में कई धमाकों की आवाज़ें सुनी गई हैं. अधिकारियों ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है.
ईरान के निर्वासित क्राउन प्रिंस रेजा पहलवी ने तेहरान में सत्ता परिवर्तन का आह्वान करते हुए कहा है कि सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई 'भूमिगत रूप से छिप गए हैं' और इस्लामिक गणराज्य 'ध्वस्त होने की प्रक्रिया' में हैं.
उन्होंने कहा, "खामेनेई एक डरे हुए चूहे की तरह भूमिगत रूप से छिप गए हैं और स्थिति पर नियंत्रण खो चुके हैं."
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बातचीत की है. इस बीच जानकारी सामने आई है कि उत्तरी और मध्य इसराइल में धमाकों की आवाजें सुनी गई हैं.
ईरानी सेना के कमांडर-इन-चीफ, अब्दोलरहीम मौसवी ने मंगलवार (17 जून) को इजरायल को चेतावनी दी कि 'जल्द ही दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.'
मौसवी ने कहा, "कब्जे वाले इलाकों, विशेष रूप से तेल अवीव और हाइफ़ा के निवासियों को चेतावनी जारी की जाती है कि वे अपनी सुरक्षा के लिए इन इलाकों को छोड़ दें और नेतन्याहू की बर्बर कार्रवाइयों का शिकार न बनें."
मौसवी की टिप्पणी इजरायल द्वारा ईरान पर अब तक का सबसे बड़ा हवाई युद्ध शुरू करने के बाद आई है, जिसमें उसने कहा था कि इस्लामिक गणराज्य परमाणु हथियार विकसित करने की कगार पर है.
(इनपुट- रॉयटर्स)
इज़रायली सेना ने दक्षिणी गाजा के कुछ इलाकों के लिए नए सिरे से निकासी चेतावनी जारी की है. आईडीएफ के प्रवक्ता कर्नल अविचाय एड्राई ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "आईडीएफ उन इलाकों में बहुत ताकत के साथ काम कर रहा है, जहां आप आतंकवादी संगठनों की क्षमताओं को नष्ट करने के लिए स्थित हैं." साथ ही उन्होंने निकासी क्षेत्रों को दर्शाने वाला एक नक्शा भी दिखाया.
NY Times ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, अगर अमेरिका ईरान के खिलाफ इजरायल के युद्ध में शामिल होता है, तो ईरान ने मध्य पूर्व में अमेरिकी ठिकानों पर हमलों के लिए मिसाइलें और अन्य सैन्य उपकरण तैयार किए हैं.
अमेरिका ने यूरोप में करीब तीन दर्जन ईंधन भरने वाले विमान भेजे हैं, जिनका उपयोग अमेरिकी ठिकानों की रक्षा करने वाले लड़ाकू विमानों की सहायता के लिए किया जा सकता है.
अमेरिकी अधिकारियों के बीच युद्ध की आशंकाएं बढ़ रही हैं क्योंकि इज़रायल व्हाइट हाउस पर ईरान के साथ अपने संघर्ष में हस्तक्षेप करने का दबाव बना रहा है. अधिकारियों ने कहा कि अगर अमेरिका इज़रायली अभियान में शामिल होता है और फ़ोर्डो (प्रमुख ईरानी परमाणु सुविधा) पर हमला करता है, तो ईरान समर्थित हाउती मिलिशिया निश्चित रूप से लाल सागर में जहाजों पर हमला करना फिर से शुरू कर देगा. उन्होंने कहा कि इराक और सीरिया में ईरान समर्थक मिलिशिया संभवतः वहां अमेरिकी ठिकानों पर हमला करने की कोशिश करेंगे.
इजरायली मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका आज रात ईरान के खिलाफ युद्ध में शामिल हो सकता है. वहीं, अमेरिकी मीडिया ने अपनी रिपोर्ट में बाताय है कि डोनाल्ट ट्रंप ईरानी परमाणु स्थलों पर हमले में इजरायल का साथ देने के बारे में सोच रहे हैं. सीबीएस न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ईरानी परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला करने के इजरायल की कोशिश में शामिल होने पर विचार कर रहे हैं.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने कहा है कि उन्होंने इज़रायली हवाई ठिकानों को निशाना बनाया है.
इजरायल की सेना ने मंगलवार (17 जून) को कहा कि उसने ईरान पर गहरा हमला किया है, जिससे उसकी परमाणु बैलिस्टिक और कमांड क्षमताएं नष्ट हो गई हैं. इजरायल ने शुक्रवार को ईरान के खिलाफ अपना सबसे बड़ा हवाई युद्ध शुरू किया. इजरायल का कहना है कि इस्लामिक गणराज्य परमाणु हथियार विकसित करने की कगार पर है.
ईरान ने परमाणु हथियार बनाने से इनकार किया है और अंतरराष्ट्रीय परमाणु अप्रसार संधि के एक पक्ष के रूप में संवर्धन सहित शांतिपूर्ण मकसद के लिए परमाणु प्रौद्योगिकी के अपने अधिकार की ओर इशारा किया है.
इजरायल मिडिल ईस्ट में एकमात्र ऐसा देश है, जिसके पास परमाणु हथियार हैं. इजरायल न तो इनकार करता है और न ही इसकी पुष्टि करता है. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने जोर देकर कहा है कि जब तक ईरान का परमाणु विकास अक्षम नहीं हो जाता, तब तक वह पीछे नहीं हटेंगे. वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि अगर ईरान संवर्धन पर सख्त प्रतिबंधों पर सहमत होता है, तो इजरायली हमला खत्म हो सकता है.
(इनपुट- रॉयटर्स)
यूएस स्टेट डिपार्टमेंट की ब्रीफिंग में अमेरिकी नागरिकों को इजरायल, इराक और ईरान की यात्रा नहीं करने की सलाह दी गई है. स्टेट डिपार्टमेंट ने कहा कि अमेरिकी नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी परिस्थिति में इज़रायल, इराक या ईरान की यात्रा न करें.
अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा, "अब ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष के साथ, राष्ट्रपति ट्रंप भी स्पष्ट हैं कि ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं हो सकता. यह तथ्य स्पष्ट है कि ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं हो सकता. जैसा कि व्हाइट हाउस हमें याद दिलाता है, पदभार ग्रहण करने के बाद से, राष्ट्रपति ट्रम्प ने स्पष्ट रूप से कहा है कि ईरान को परमाणु हथियार रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती. ट्रंप प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक अमेरिकी लोगों की सुरक्षा है. उस मकसद के लिए, विदेश विभाग ने अमेरिकी नागरिकों, हमारे अमेरिकी राजनयिक मिशनों, कर्मियों और राजनयिक जुड़ावों के लिए समर्थन समन्वय में मदद करने के लिए मध्य पूर्व टास्क फोर्स की स्थापना की है. अमेरिकी नागरिकों को शामिल रखने के लिए, हमने इलाके के देशों को 30 से ज्यादा सुरक्षा अलर्ट जारी किए हैं.
आईडीएफ प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ्रिन ने बताया कि 60 इजरायली जेट विमानों ने मध्य ईरान में बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्चरों पर बड़ा हमला किया. उन्होंने कहा कि हाल ही में इजरायली हमलों के कारण ईरानी सेना को पश्चिमी ईरान से हटकर इस्फ़हान जाना पड़ा, जहां वे अब रॉकेट लॉन्च पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "हम अभी भी उनका पीछा कर रहे हैं."
(इनपुट- गीता मोहन)
रूस के विदेश मंत्रालय ने ईरान पर इजरायल के हमलों की निंदा करते हुए इसे अवैध बताया है. रूस ने कहा कि तेहरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर संघर्ष का समाधान केवल कूटनीति के जरिए से ही पाया जा सकता है.
टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के मुताबिक, आईडीएफ ने आकलन किया है कि ईरान के नवीनतम हमले में इजरायल पर दो बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गईं. शहरी इलाकों में किसी प्रभाव या किसी के घायल होने की कोई रिपोर्ट नहीं है. मिसाइल हमले के बाद उत्तरी इजरायल में सायरन बजने लगे थे.
ईरानी मीडिया ने बताया कि ईरान ने मंगलवार को बुशहर परमाणु ऊर्जा संयंत्र के पास इजरायल के लिए 'संवेदनशील' इलाकों की फिल्म बनाने वाले एक विदेशी को गिरफ्तार किया.
ईरानी वेबसाइट eghtesadonline ने कहा कि अज्ञात विदेशी, जिसकी राष्ट्रीयता का खुलासा नहीं किया गया था, अवैध रूप से रह रहा था और इजरायल की जासूसी एजेंसी मोसाद के लिए बिजली संयंत्र की फिल्म बना रहा था.
(इनपुट- रॉयटर्स)
इज़रायल डिफेंस फोर्सेज ने सोशल मीडिया के जरिए ऐलान किया है कि उसकी वायु सेना ने ईरान के अंदर 12 मिसाइल लॉन्च साइट्स और स्टोरेज सुविधाओं पर हमले किए हैं. आईडीएफ ने दावा किया कि इन साइट्स का उद्देश्य इजरायली नागरिकों पर हमला करना था.
इज़रायल रक्षा बलों (IDF) ने ईरान से बैलिस्टिक मिसाइलों के नए लॉन्च की जानकारी दी है. IDF के मुताबिक, आने वाली प्रोजेक्टाइल्स को रोकने के लिए एयर डिफेंस सिस्टम को एक्टिव किया जा रहा है.
कुछ ही मिनटों में इज़रायल के कुछ हिस्सों में चेतावनी सायरन बजने की उम्मीद है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "बिना शर्त आत्मसमर्पण!" ट्रंप का यह बयान ऐसे वक्त में आई है, जब इजरायल और ईरानी सेना के बीच झड़पों के बाद मिडिल ईस्ट में अस्थिरता बढ़ रही है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते संघर्ष पर चर्चा करने के लिए व्हाइट हाउस सिचुएशन रूम में अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के साथ बैठक बुलाई है.
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने बताया कि सिचुएशन रूम की बैठक इजरायल द्वारा अमेरिका से "रक्षात्मक रुख" का अनुरोध करने के बाद हुई है, और इजरायली अभियानों का संभावित समर्थन करने के लिए 30 से ज्यादा अमेरिकी हवाई ईंधन भरने वाले टैंकरों को इस क्षेत्र में तैनात किया गया है.