इजरायली संसद ने सोमवार को गाजा पट्टी पर कब्जा करने की योजना को मंजूरी दे दी है, जिससे इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष में नए चरण की शुरुआत होगी. योजना के मुताबिक, इजरायल गाजा पट्टी के संपूर्ण क्षेत्र को अपने नियंत्रण में लेगा. इस पहल का मकसद हमास को हराना और गाजा में बंधकों को मुक्त कराना है. इजरायल के दो अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की, जिससे बड़े अंतरराष्ट्रीय आलोचना का सामना करना पड़ सकता है.
कैबिनेट मंत्रियों ने इस योजना को सोमवार सुबह क्विक वोट के माध्यम से मंजूरी दी. इससे पहले, इजरायल के सैन्य प्रमुख ने घोषणा की थी कि हजारों रिजर्व सैनिकों को बुलाया जा रहा है. इजरायल ने मार्च के मध्य में हमास के साथ संघर्षविराम के टूटने के बाद गाजा पर हमले तेज किए हैं, जिससे सैकड़ों लोग मारे गए हैं.
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गाजा के 50% हिस्से पर फिलहाल इजरायल का कब्जा
मौजूदा स्थिति में, इजरायल गाजा के लगभग 50% हिस्से पर नियंत्रण रखता है. संघर्षविराम के अंत से पहले, इजरायल ने गाजा में मानवीय सहायता, जैसे कि खाद्य, ईंधन और पानी की आपूर्ति रोक दी थी, जिससे वहां का मानवीय संकट गंभीर हुई है. ताजा कब्जे वाले प्लान के तहत इजरायल पूरी पट्टी पर कब्जा करेगा और हमास को मानवीय सहायता बांटने से रोकेगा, जिससे हमास के शासन को कमजोर किया जा सके.
हमास को मिटाने की कोशिश का हिस्सा!
इजरायल का आरोप है कि हमास सहायता का इस्तेमाल अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए कर रहा है. योजना में हमास के ठिकानों पर शक्तिशाली हमला भी शामिल है. अधिकारियों ने यह भी बताया कि इजरायल राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की योजना के तहत गाजा का नियंत्रण करने और वहां की आबादी शिफ्ट करने के लिए कई देशों से संपर्क में है, जिसे यूरोप और अरब देशों ने निंदा की है.
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बंधकों के परिवारों में नाराजगी
गाजा पर कब्डे वाले प्लान के ऐलान के बाद, बंधकों के परिजनों में नाराजगी है. 'बंधन फोरम', जो बंधकों के परिवारों का समर्थन करता है-इस संगठन ने सोमवार को कहा कि यह योजना हर बंधक को खतरे में डालती है और इजरायल के नेताओं से अपील की कि वे पहले बंधकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें.