Israel-Iran Conflict LIVE Updates: इजराइल-ईरान संघर्ष (Israel-Iran Tensions) मंगलवार को अपने पांचवे दिन में दाखिल हो गया है. सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात को दोनों देशों एक-दूसरे पर ताबड़तोड़ मिसाइलें दागी. इसी बीच भारत ने ईरान में फंसे अपने नागरिकों को निकालने के लिए मिशन रेस्क्यू शुरू कर दिया है. 110 भारतीयों का पहला जत्था ईरान से आर्मीनिया पहुंच गया है, जहां से इन सभी लोगों को भारत वापस लाया जाएगा. इसके अलावा भारत के विदेश मंत्रालय ने ईरान और इजरायल में रह रहे भारतीय नागरिकों को लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं.
इसे पहले कनाडा में आयोजित G7 शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे नेताओं ने एक संयुक्त बयान जारी कर मिडिल ईस्ट संकट पर चिंता जताई है. जी7 नेताओं ने ईरान को लेकर तनाव कम करने की अपील की है और स्पष्ट किया कि इजरायल को अपनी आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है. बयान में यह भी कहा गया कि G7 देशों का रुख हमेशा से साफ रहा है कि ईरान कभी भी परमाणु हथियार हासिल नहीं कर सकता. इसके अलावा जी7 नेताओं ने क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया.
वहीं, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दावा किया कि ईरान ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की हत्या की कोशिश की. उन्होंने कहा कि मिसाइल उनके बेडरूम की खिड़की से टकराई. उन्होंने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाना जारी रखने की कसम खाई है. ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने राष्ट्रीय एकता की अपील की. वहीं, ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई ने इजरायल पर आवासीय इलाकों पर हमला करने का आरोप लगाते हुए 'कड़ी सजा' की धमकी दी है. इजरायल के रक्षा मंत्री ने चेतावनी दी कि तेहरान को जल्द ही इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी.
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ईरान-इजरायल के बीच संघर्ष जारी है. इजरायल ने तेहरान पर फिर से हवाई हमले तेज कर दिए हैं. इसी बीच ईरान की कई यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे कश्मीरी छात्रों समेत भारतीय छात्रों को सुरक्षित जगहों पर ट्रांसफर कर दिया गया है. तेहरान स्थित भारतीय दूतावास ने बताया कि यूनिवर्सिटी ऑफ साइंसेज, इस्लामिक आजाद यूनिवर्सिटी, ईरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों को सुरक्षित जगहों पर ट्रांसफर कर दिया गया है. जबकि शाहिद बेहेश्टी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज और उर्मिया यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज से छात्रों सुरक्षित स्थान के लिए निकल चुके है और रास्ते में हैं.
वहीं, शिराज यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज और इस्फ़हान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज के छात्रों को कल ट्रांसफर किया जाएगा. तेहरान स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने बताया कि हम कश्मीर समेत सभी छात्रों की सुरक्षित और वक्त पर निकासी सुनिश्चित करने के लिए यूनिवर्सिटी के प्रतिनिधियों और स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में हैं.
भारतीय छात्रों को तेहरान से बाहर लेने के मामले पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने बयान जारी किया है. एमईए प्रवक्ता ने कहा कि तेहरान में भारतीय छात्रों को दूतावास द्वारा की गई व्यवस्था के जरिए से सुरक्षा के कारण शहर से बाहर ले जाया गया है. साथ ही मंत्रालय ने कहा कि जो भारतीय या भारतीय मूल के लोग अपने संसाधनों से तेहरान से निकल सकते हैं वह शहर के बाहर सुरक्षित जगहों पर चले जाएं. इसके अलावा कुछ भारतीयों को आर्मीनिया बॉर्डर के रास्ते ईरान से निकाला गया है.
इसके अलावा कुछ भारतीयों को आर्मीनिया बॉर्डर के रास्ते ईरान से निकाला गया है. उन्होंने ये भी कहा कि दूतावास सभी संभव सहायता प्रदान करने के लिए भारतीय नागरिकों के संपर्क में है. आगे की स्थिति को देखते हुए आने वाले वक्त में एडवाइजरी भी जारी की जा सकती है.
भारत सरकार ने ईरान में फंसे अपने नागरिकों को निकालने के लिए मिशन शुरू कर दिया है. इसी बीच जानकारी आ रही है कि 110 भारतीयों का पहला जत्था ईरान से आर्मीनिया पहुंच गए हैं, जहां से इन सभी नागरिकों को भारत वापस लाया जाएगा. इससे पहले भारत के विदेश मंत्रालय ने युद्धग्रस्त ईरान में फंसे भारतीय नागरिकों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया थे. साथ ही MEA ने इजरायल में रह रहे भारतीय नागरिकों के लिए एक गाइडलाइन जारी की थी.
कनाडा में आयोजित शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले जी7 नेताओं ने खुलकर इजरायल का सपोर्ट किया है. जी7 नेताओं का कहना है कि ईरान किसी भी कीमत पर न्यूक्लियर बम नहीं रख सकता. साथ ही जी7 ने ईरान को नसीहत देते हुए तनाव कम करने की अपील की है. जी7 नेताओं ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि इजरायल को अपनी रक्षा करने का पूरा हक है, लेकिन ईरान किसी भी कीमत पर परमाणु हथियार नहीं रख सकता. इस बारे में कई बार स्पष्ट कर चुके हैं.
बयान में आगे कहा गया है, 'हम अपील करते हैं कि ईरानी संघर्ष के समाधान से मिडिल ईस्ट में शत्रुता में व्यापक कमी आए, जिसमें गाजा में सीजफायर भी शामिल है.'
चीन ने ईरान-इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष को रोकने के लिए मध्यस्थता का प्रपोजल दिया है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने बताया कि चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने वीकेड में इजरायल के विदेश मंत्री से फोन पर बात की, जिसमें उन्होंने ईरान और इजरायल दोनों से बातचीत के जरिए अपने मतभेदों को सुलझाने की अपील की है.
उन्होंने ये भी कहा कि चीन ने मौजूदा ईरान-इजरायल संघर्ष को सुलझाने में अपनी भूमिका निभाता रहेगा. चीन ने हमेशा राजनीतिक और कूटनीतिक तरीकों से ईरान के परमाणु मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान की वकालत की है, वह संबंधित पक्षों के साथ संवाद और समन्वय बनाए रखने, स्थिति को शांत करने में रचनात्मक भूमिका निभाने और ईरानी परमाणु मुद्दे के राजनीतिक और कूटनीतिक समाधान को बढ़ावा देने के लिए एक अच्छा बाहरी माहौल बनाने के लिए तैयार है.
भारत सरकार ने ईरान में फंसे भारतीय नागरिकों को रेस्क्यू करने का काम शुरू कर दिया है. सरकारी सूत्रों के अनुसार, कुछ भारतीयों का पहला जत्था आज रात आर्मीनिया पहुंच जाएगा. जहां से सभी को भारत वापस लाया जाएगा. सूत्रों ने बताया कि पहले जत्थे में करीब 100 भारतीय शामिल हैं.
ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव और क्षेत्र में अस्थिरता को देखते हुए भारत सरकार ने अपने नागरिकों की सुरक्षा और सहायता सुनिश्चित करने के लिए तुरंत कदम उठाए हैं. विदेश मंत्रालय ने नई दिल्ली में एक 24 घंटे सक्रिय कंट्रोल रूम स्थापित किया है, ताकि ईरान में मौजूद भारतीय नागरिकों को आवश्यक सहायता प्रदान की जा सके.
ये कंट्रोल रूम ईरान और इजरायल में चल रहे ताजा घटनाक्रमों पर नजर रखने और प्रभावित भारतीय नागरिकों को तत्काल मदद पहुंचाने के लिए बनाया गया है.
कंट्रोल रूम नंबर
ईमेल: situationroom@mea.gov.in
इसके अलावा MEA ने ईरान की राजधानी तेहरान में भारतीय दूतावास ने भी 24x7 आपातकालीन हेल्पलाइन शुरू की है. ये हेल्पलाइन विशेष रूप से उन भारतीय नागरिकों के लिए है जो वर्तमान में ईरान में हैं और उन्हें किसी भी प्रकार की सहायता की आवश्यकता है. दूतावास ने कॉल और व्हाट्सएप के लिए अलग-अलग नंबर जारी किए हैं.
केवल कॉल के लिए
1. +98 9128109115, +98 9128109109
व्हाट्सएप के लिए
2. +98 901044557, +98 9015993320, +91 8086871709
3. बंदर अब्बास: +98 9177699036
4. जाहेदान: +98 9396356649
ईमेल: cons.tehran@mea.gov.in
इजराइल रक्षा बल (IDF) ने कहा कि ईरान ने इजरायल की ओर मिसाइलों की एक और खेप दागी गई है. नागरिकों से कहा गया है कि वे बम आश्रयों में चले जाएं और अगली सूचना तक वहीं रहें.
स्थानीय ईरानी मीडिया के मुताबिक, ईरान की राजधानी तेहरान में सोमवार देर रात कई विस्फोटों की आवाजें सुनी गईं, साथ ही हवाई रक्षा गोलाबारी भी की गई.
इज़रायली वायु सेना ने कहा कि उसने रमत मगशीम और हस्पिन में अलर्ट के बाद कई मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) को रोका. कथित तौर पर ड्रोन को इज़रायली क्षेत्र की ओर लॉन्च किया गया था.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी जी7 यात्रा को बीच में ही छोड़कर आज रात वॉशिंगटन लौट आएंगे. व्हाइट हाउस ने इसकी पुष्टि की है. प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि ट्रंप मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के बीच 'कई महत्वपूर्ण मामलों पर ध्यान देने' के लिए जा रहे हैं.
ईरान के साथ बढ़ते संघर्ष को देखते हुए इजरायल में चीनी दूतावास ने अपने नागरिकों को भूमि सीमा क्रॉसिंग का उपयोग करके जल्द से जल्द देश छोड़ने की सलाह दी है.
फॉक्स न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल-ईरान संघर्ष में बढ़ते तनाव के बीच व्हाइट हाउस सिचुएशन रूम में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद को तैयार रहने का निर्देश दिया है.
ईरानी समाचार साइट AsrIran की रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य ईरान के नतांज़ में एयर डिफेंस एक्टिव कर दिया गया है, जहां प्रमुख परमाणु सुविधाएं स्थित हैं.
भारत सरकार ईरान-इजराइल संघर्ष से उत्पन्न स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रही है, और देश के विदेशी व्यापार पर प्रभाव का आकलन करने और किसी भी मुद्दे को हल करने के लिए इस सप्ताह शिपिंग लाइनों, कंटेनर फर्मों और अन्य हितधारकों के साथ एक बैठक आयोजित की जाएगी, एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को कहा. वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि भारत के व्यापार पर युद्ध का प्रभाव इस बात पर निर्भर करेगा कि वक्त के साथ स्थिति कैसे सामने आती है. उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "हम स्थिति पर नज़र रख रहे हैं, हम सभी शिपिंग लाइनों, कंटेनर संगठनों और संबंधित विभागों और हितधारकों की एक बैठक (इस सप्ताह) भी बुला रहे हैं, जिससे उनसे समझा जा सके कि वे किस तरह के मुद्दों का सामना कर रहे हैं और हम इसे कैसे सुलझा सकते हैं."
निर्यातकों ने कहा है कि अगर युद्ध आगे बढ़ता है, तो इससे विश्व व्यापार प्रभावित होगा और हवाई और समुद्री माल ढुलाई दरों में बढ़ोतरी होगी. उन्होंने आशंका जताई की है कि संघर्ष से होर्मुज जलडमरूमध्य और लाल सागर से व्यापारी जहाजों की आवाजाही प्रभावित होने की उम्मीद है.
ईरानी समाचार एजेंसियों ने बताया कि राष्ट्रीय टीवी बिल्डिंग पर इजरायली हमले में ईरान के सरकारी प्रसारक की एक महिला कर्मचारी की मौत हो गई है.
सरकारी मीडिया के मुताबिक, ईरान के शीर्ष राजनयिक अब्बास अराघची ने ईरानी सरकारी प्रसारक पर इजरायल के हमले की निंदा करते हुए इसे 'कायरता की पराकाष्ठा और हताशा का संकेत' कहा है.
ईरान को उस सौदे पर हस्ताक्षर करना चाहिए था, जिस पर मैंने उन्हें हस्ताक्षर करने के लिए कहा था. यह कितनी शर्म की बात है और मानव जीवन की बर्बादी है. सीधे शब्दों में कहें तो, ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं हो सकता. मैंने इसे बार-बार कहा है. सभी को तुरंत तेहरान खाली कर देना चाहिए.
ईरानी मीडिया ने राजधानी तेहरान में कई विस्फोटों और भारी हवाई रक्षा गोलीबारी की रिपोर्ट दी है.
Times of Israel की रिपोर्ट के मुताबिग, ईरान की तरफ से बैलिस्टिक मिसाइल हमले के बाद मध्य इज़राइल और दक्षिणी इज़राइल के बीरशेबा इलाके में सायरन बजने की आवाजें सुनी गईं. जिन इलाकों में सायरन बजे, वहां के नागरिकों को अगले आदेश तक आश्रय स्थलों में रहने का निर्देश दिया गया है.
संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत, आमिर सईद इरावानी ने सोमवार को सुरक्षा परिषद को बताया कि इजरायल पर ईरान के हमले 'आनुपातिक रक्षात्मक अभियान' थे, जिनका टारगेट केवल सैन्य लक्ष्य थे. उन्होंने चेतावनी दी कि इजरायली हमलों के लिए किसी भी तीसरे पक्ष का समर्थन उन्हें संकट में सहभागी बना देगा.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि ईरान को इजरायली हमले शुरू होने से पहले अपने परमाणु कार्यक्रम पर अमेरिका के साथ समझौते पर हस्ताक्षर कर लेना चाहिए था.
ट्रंप ने G7 शिखर सम्मेलन के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "जैसा कि मैं कहता रहा हूं, मुझे लगता है कि समझौते पर हस्ताक्षर होंगे, या कुछ और होगा, लेकिन समझौते पर हस्ताक्षर होंगे और मुझे लगता है कि ईरान द्वारा हस्ताक्षर न करना मूर्खता है."
इज़रायली रक्षा बलों (IDF) ने सोशल मीडिया पर एक कड़ा मैसेज पोस्ट किया है, जिसमें दुनिया भर में आतंकी गतिविधियों में ईरान की संलिप्तता के बारे में चेतावनी दी गई है. इस पोस्ट में लिखा गया, "पूरी दुनिया में आतंकी हमलों पर ईरान की छाप है. आप इसे अनदेखा कर सकते हैं, जब तक कि यह आपके दरवाज़े पर न आ जाए."
इज़रायल के Bazan ग्रुप ने सोमवार को ऐलान किया कि उसने हाइफ़ा में अपनी सभी रिफ़ाइनरी सुविधाओं पर ऑपरेशन रोक दिया है. कंपनी की नियामक फाइलिंग के मुताबिक, यह शटडाउन एक बड़े ईरानी हमले के बाद हुआ है, जिसमें प्लांट को भाप और बिजली की आपूर्ति करने वाले पावर स्टेशन को गंभीर नुकसान पहुंचा है. ग्रुप ने यह भी पुष्टि की कि हमले में उसके तीन कर्मचारी मारे गए.
(इनपुट- रॉयटर्स)
इजरायल के सामरिक मामलों के मंत्री ने अमेरिकी मीडिया से कहा, "अमेरिका के साथ किसी भी वार्ता की प्रगति की परवाह किए बिना हम ईरान के खिलाफ अपना अभियान जारी रखेंगे."
ईरान के सरकारी मीडिया प्रेस टीवी सहित कई ईरानी मीडिया आउटलेट्स के मुताबिक, ईरान ने इजरायल के खिलाफ हमलों की नई लहर शुरू की है. ईरानी सरकारी टीवी के मुताबिक, ईरान ने तेल अवीव और हाइफा को निशाना बनाकर एक संयुक्त ड्रोन और मिसाइल अभियान शुरू किया है.
ईरान की समाचार एजेंसी Mehr न्यूज के मुताबिक, हमलों में ड्रोन और मिसाइल शामिल हैं, जो इजरायल के शहरों हाइफा और तेल अवीव की ओर बढ़ रहे हैं.
उत्तरी इजरायल में हाइफा रिफाइनरी में कल ईरानी मिसाइल हमले से हुए नुकसान के कारण ऑपरेशन रोक दिया गया है.
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली वायु सेना (IAF) ने ऐलान किया है कि उसने तेहरान एयरपोर्ट पर दो ईरानी F-14 टॉमकैट लड़ाकू विमानों को नष्ट कर दिया है. IAF के मुताबिक, विमान को टरमैक पर पार्क करते समय सटीक हथियारों से निशाना बनाया गया था और सेना द्वारा जारी किए गए वीडियो फुटेज में विमान को आग की लपटों में घिरा हुआ दिखाया गया है.
इजरायली सेना का दावा है कि F-14 को इजरायली विमानों को रोकना था, लेकिन उनके विन्यास से पता चलता है कि वे तुरंत उड़ान भरने के लिए तैयार नहीं थे.
ईरानी Fararu न्यूज वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरानी एयर डिफेंस ने कतर के साथ साझा की गई एक महत्वपूर्ण ऊर्जा सुविधा, दक्षिण पारस गैस क्षेत्र पर हमले को विफल कर दिया है.
यह घटना शनिवार को इज़राइल द्वारा किए गए पिछले हमले के बाद हुई है, जिसके कारण एक प्रसंस्करण सुविधा में आग लग गई थी और ईरान को गैस उत्पादन को आंशिक रूप से निलंबित करना पड़ा था, जिससे 12 मिलियन क्यूबिक मीटर दैनिक उत्पादन बाधित हुआ था.
(इनपुट- रॉयटर्स)
ईरानी समाचार एजेंसी ने बताया कि तेहरान में इजरायली हवाई हमले में तीन ईरानी रेड क्रिसेंट कर्मचारी मारे गए. वे रेस्क्यू ऑपरेशन का हिस्सा थे.
इजरायल में अमेरिकी राजदूत माइक हकबी ने पुष्टि की है कि ईरानी मिसाइल हमलों की वजह से तेल अवीव में अमेरिकी दूतावास के पास शॉकवेव से मामूली नुकसान हुआ है.
(इनपुट- गीता मोहन)
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "हमने परमाणु ठिकानों, सैकड़ों मिसाइलों को खत्म कर दिया और बड़ी तादाद में लॉन्चरों को निशाना बनाया. हाथ अभी भी आगे बढ़ा हुआ है और मैं और कुछ नहीं बताऊंगा. हमने ईरान के आधे यूएवी को नष्ट कर दिया."
नेतन्याहू ने आगे कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनके पास कितनी मिसाइलें हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनके पास कितने लॉन्चर हैं. मुझे आश्चर्य नहीं है कि वे बातचीत करना चाहते हैं. वे अपनी योजना को जारी रखना चाहते हैं.
ईरान से भारतीयों को निकालने का काम शुरू हो गया है. सरकारी सूत्रों के मुताबिक, कुछ भारतीयों का पहला जत्था आज रात अर्मेनिया पहुंच जाएगा. ईरान ने भारतीयों सहित विदेशी नागरिकों को ज़मीनी सीमा के ज़रिए निकालने पर सहमति जताई है. ईरान में करीब 10 हज़ार भारतीय मौजूद हैं. इनमें से ज़्यादातर छात्र हैं, जो तमाम मेडिकल और धार्मिक संस्थानों में पढ़ते हैं. अज़रबैजान, तुर्कमेनिस्तान और अफ़गानिस्तान सीमा का इस्तेमाल किया जा सकता है. भारत अपने नागरिकों को ईरान से निकालने के लिए अभियान पर विचार कर रहा है.
इजरायली रक्षा बलों (IDF) ने कहा है कि इजराइली एयरफोर्स ने पश्चिमी ईरान में सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों के बुनियादी ढांचे को निशाना बना रही है.
ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका इजरायल पर ईरान के खिलाफ हमलों को रोकने में विफल रहता है, तो तेहरान अधिक दर्दनाक जवाब देगा. सोमवार को ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारितक के साथ एक फोन कॉल में, पेजेशकियन ने कहा कि ईरान की जवाबी क्षमता का प्रदर्शन तब हुआ जब उसके बलों ने घातक इजरायली हमलों के बाद हमलावरों को तेजी से निशाना बनाया. राष्ट्रपति ने कहा, “अगर इस तरह के उल्लंघन दोहराए जाते हैं, तो ईरान की प्रतिक्रिया और भी कठोर होगी.”
उन्होंने परमाणु वार्ता में ओमान की 'रचनात्मक भूमिका' की सराहना की और कहा कि मस्कट ने तेहरान के परमाणु कार्यक्रम पर पारदर्शिता बढ़ाने और विश्वास बनाने के मकसद से वार्ता में एक प्रमुख मध्यस्थ के रूप में काम किया है. उन्होंने कहा कि उन वार्ताओं के दौरान, अमेरिकी अधिकारियों ने इजरायली कार्रवाइयों पर अपने नियंत्रण को स्वीकार किया था और जोर देकर कहा था कि ईरान पर कोई भी हमला अमेरिकी मंजूरी के बिना नहीं होगा.
उन्होंने कहा कि अमेरिका की हरी झंडी के बिना ऐसी 'आपराधिक कार्रवाई' नहीं हो सकती थी, साथ ही चेतावनी दी कि इजरायली 'दुस्साहस' जारी रखने से ईरान की और ज्यादा शक्तिशाली जवाबी कार्रवाई शुरू हो जाएगी.
ईरान के रक्षा के अधिकार पर जोर देते हुए पेजेशकियन ने कहा, “धमकी, दबाव और आक्रामकता के तहत बातचीत संभव नहीं है."
सुल्तान हैथम ने अपनी ओर से इजरायली हमलों की निंदा की और ईरान के साथ एकजुटता जाहिर की. उन्होंने ईरानी कमांडरों, वैज्ञानिकों और नागरिकों की मौत पर संवेदना व्यक्त की. उन्होंने क्षेत्रीय स्थिरता के लिए ओमान की प्रतिबद्धता और खित्ते में शांति और सहयोग को बढ़ावा देने में अपनी निरंतर भूमिका की पुष्टि की.
(इनपुट- न्यूज एजेंसी IRNA)
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का कहना है कि इजरायली हमलों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बहुत, बहुत लंबे वक्त तक के लिए पीछे धकेल दिया है. उन्होंने दावा किया कि हमने ईरान से आने वाले आधे ड्रोन्स को खत्म कर दिया है.