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भारत-चीन के रिश्तों में सुधार, आज दिल्ली से शंघाई के लिए उड़ान भरेगी चाइना ईस्टर्न की फ्लाइट

चीनी एयरलाइन चाइना ईस्टर्न रविवार से दिल्ली-शंघाई उड़ान शुरू करने जा रही है. एयरलाइन ने ये कदम इंडिगो की कोलकाता से गुआंगझोउ उड़ान के कुछ दिनों बाद उठाया है. शंघाई में भारत के महावाणिज्यदूत प्रतीक माथुर का कहना है कि ये कदम दोनों देशों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी और व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देगा.

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पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति. (Photo- ITG)
पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति. (Photo- ITG)

भारत और चाइना के बीच पांच सालों की लंबे अंतराल के बाद एक बार फिर से उड़ान सेवाएं शुरू होने जा रही हैं. इसी क्रम में चीनी एयरलाइन चाइना ईस्टर्न की फ्लाइट रविवार को दिल्ली से शंघाई के लिए उड़ान भरेगी. इससे कुछ दिन पहले इंडिगो ने कोलकाता से गुआंगझोउ के लिए फ्लाइट सर्विस शुरू की थी.

प्राप्त जानकारी के अनुसार, चीन ईस्टर्न की फ्लाइट दिल्ली से शाम 8 बजे रवाना होगी और सोमवार सुबह शंघाई पहुंचेगी. वापसी में ये फ्लाइट शंघाई से दोपहर 12:30 बजे उड़ान भरेगी और शाम 6 बजे दिल्ली पहुंचेगी. ये फ्लाइट वैकल्पिक दिनों में संचालित होगी.

यात्रियों का स्वागत

शंघाई में भारत के महावाणिज्यदूत प्रतीक माथुर दिल्ली से आने वाली चाइना ईस्टर्न फ्लाइट के यात्रियों का स्वागत करने की योजना बना रहे हैं.

उन्होंने पीटीआई से कहा कि उड़ान सेवाओं के फिर से शुरू होने से बेहतर कनेक्टिविटी का नया युग शुरू होगा और भारत (जो सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है) और शंघाई के नेतृत्व में पूर्वी चीन क्षेत्र के व्यापार केंद्र के बीच मजबूत संबंधों को बढ़ावा मिलेगा.

उन्होंने समाचार एजेंसी को बताया कि इससे भारत को तेजी से बढ़ते पूर्वी चीन क्षेत्र के करीब लाएगा, जिसमें हांग्जो का एआई केंद्र और चीन की कपड़ा राजधानी यिवू और केकियाओ का व्यापारिक केंद्र भी शामिल हैं.

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10 नवंबर से शुरू होगी डेली फ्लाइट

वहीं, इंडिगो 10 नवंबर से दिल्ली से गुआंगझोउ के लिए अपनी दैनिक फ्लाइट शुरू करेगी. एयरलाइन ने 26 अक्टूबर को कोलकाता-गुआंगझू फ्लाइट संचालित कर उड़ानों की बहाली की औपचारिक शुरुआत की थी.

कटूनीती और सैन्य वार्ताओं से सुलक्षा विवाद

बता दें कि 2020 में जून में हुए गलवान घाटी संघर्ष के बाद भारत-चीन संबंध 1962 के युद्ध के बाद के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए थे. इसके बाद दोनों पक्षों के बीच उड़ान सेवाओं को निलंबित कर दिया गया था. कूटनीतिक और सैन्य वार्ताओं की लंबी सीरीज के बाद दोनों पक्षों ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ कई संघर्ष पॉइंट से अपनी सेनाएं पीछे हटा लीं और पिछले साल डिप्सांग और डेमचोक में सैनिकों की वापसी पर पिछले साल अक्टूबर में दोनों पक्षों ने एक समझौते को अंतिम रूप दिया था.

समझौते को अंतिम रूप दिए जाने के कुछ दिनों बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रूस के कजान में बातचीत की और संबंधों को सुधारने के लिए कई फैसले लिए. पिछले कुछ महीनों में दोनों पक्षों ने संबंधों को सुधारने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें कैलाश मानसरोवर यात्रा और उड़ानों की बहाली शामिल है.

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