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यूक्रेन को ट्रंप का 'Final Offer', जेडी वेंस ने दी चेतावनी, 'या तो हां कहो या फिर अमेरिका...'

यूक्रेन समस्या के समाधान के लिए बुधवार को लंदन में बैठक चल रही है. इस बैठक में यूक्रेनी प्रतिनिधियों के समक्ष ट्रंप का फाइनल ऑफर पेश किया गया है. भारत आए अमेरिकी उप राष्ट्रपति जेडी वेंस ने ऑफर को लेकर यूक्रेन को चेतावनी भी दे डाली है.

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अमेरिका ने यूक्रेन के समक्ष फाइनल ऑफर पेश किया है (Photo- Reuters)
अमेरिका ने यूक्रेन के समक्ष फाइनल ऑफर पेश किया है (Photo- Reuters)

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त करने के लिए यूक्रेन को अपना अंतिम प्रस्ताव (Final Offer) दिया है. इस ऑफर में कहा गया है कि अमेरिका क्रीमिया को रूसी क्षेत्र मानने के लिए तैयार है और वो लुहांस्क, दोनेत्स्क के साथ-साथ जापोरोज्जिया और खेरसॉन पर भी रूसी कंट्रोल को अनौपचारिक रूप से ही सही, लेकिन मानने के लिए तैयार है. भारत दौरे पर आए अमेरिका के उप राष्ट्रपति जेडी वेंस ने इस ऑफर के संबंध में रूस और यूक्रेन को चेतावनी भी दी है कि वो या तो यह ऑफर स्वीकार करे या फिर अमेरिका इस शांति समझौता वार्ता से ही बाहर हो जाएगा.

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ब्रिटेन की राजधानी लंदन में बुधवार को यूक्रेन मुद्दे पर एक बैठक चल रही है जिसमें ट्रंप के फाइनल ऑफर को यूक्रेन के समक्ष पेश किया गया है. हालांकि, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने पहले ही कह दिया है कि वो यूक्रेन में रूस के कब्जाए इलाकों को मान्यता देने वाले किसी भी ऑफर को स्वीकार नहीं करेंगे.

इसी बीच जेडी वेंस ने यूक्रेन और रूस को चेतावनी देते हुए कहा है, 'अब समय आ गया है कि या तो वो (रूस, यूक्रेन) हां कहें या फिर अमेरिका इस प्रक्रिया से दूर हो जाए.'

क्या है ट्रंप के फाइनल ऑफर में?

जानी-मानी इन्वेस्टिगेटिव न्यूज वेबसाइट एक्सियोस (Axios) ने मंगलवार को मामले से संबंधित अज्ञात सूत्रों के हवाले से बताया कि ट्रंप का फाइनल ऑफर एक पेज का डॉक्यूमेंट है. इस डॉक्यूमेंट को कथित तौर पर इस महीने की शुरुआत में ट्रंप के दूत स्टीव विटकॉफ ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ चार घंटे की बैठक के बाद तैयार किया था. पिछले हफ्ते पेरिस में यूक्रेनी अधिकारियों के सामने इस डॉक्यूमेंट को प्रस्तुत किया गया था.

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ट्रंप के फाइनल ऑफर में क्रीमिया को रूसी क्षेत्र के रूप में मान्यता देने की बात कही गई है. 2014 में यूक्रेन के साथ युद्ध के दौरान रूस ने यूक्रेन के हिस्से क्रीमिया पर कब्जा किया था. फरवरी 2022 में युद्ध शुरू होने के बाद रूस ने यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र (दोनेत्स्क और लुहांस्क), जापोरिज्जिया और खेरसॉन पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया है. नए ऑफर में ट्रंप इन चार इलाकों में भी रूसी नियंत्रण को अनौपचारिक रूप से स्वीकार करने के लिए तैयार हो गए हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति के नए ऑफर में रूस पर 2014 के बाद लगे प्रतिबंधों को हटाने और द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग को बढ़ाने का प्रावधान भी शामिल है. इसके अलावा, यह भी कहा गया है कि अमेरिका औपचारिक रूप से यूक्रेन के नेटो (NATO, अमेरिका और यूरोपीय देशों का रक्षा संगठन) में शामिल होने की कोशिश का भी विरोध करेगा.

बदले में यूक्रेन को क्या मिलेगा?

बदले में, यूक्रेन को यूरोपीय संघ और अन्य देशों के गठबंधन से कथित तौर पर “मजबूत सुरक्षा गारंटी” मिलेगी. हालांकि, ऑफर में इस बात की पूरी जानकारी नहीं दी गई है कि प्रस्तावित शांति अभियान कैसे काम करेगा. इस अभियान के तहत विभिन्न देशों की गठबंधन सेना युद्ध खत्म होने के बाद शांति कायम करने के लिए यूक्रेन में तैनात की जाएगी.

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रूस ने किसी भी बहाने से यूक्रेन में नेटो सैनिकों या गठबंधन के किसी भी देश के सैनिकों की यूक्रेन में तैनाती का विरोध किया है. 

ट्रंप के ऑफर में यूक्रेन को नीपर नदीं तक बिना रोक-टोक पहुंच और पुनर्निर्माण के लिए मुआवजे का भी वादा किया गया है. हालांकि, यह साफ नहीं किया गया है कि इसके लिए फंडिंग कहां से आएगी. इस ऑफर में अमेरिका और यूक्रेन के बीच खनिज समझौत का भी जिक्र किया गया है. माना जा रहा है कि इसी गुरुवार को ट्रंप खनिज समझौते पर हस्ताक्षर कर सकते हैं.

अमेरिका जल्द से जल्द यूक्रेन को शांति समझौते के लिए राजी कर लेना चाहता है. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पिछले हफ्ते ही चेतावनी दी थी कि अगर शांति वार्ता जल्द सफल नहीं होती तो अमेरिका इस पहल से पीछे हट जाएगा और अन्य मुद्दों पर फोकस करेगा. वहीं, ट्रंप ने सोमवार का कहा कि इस हफ्ते “समस्या को हल करने की अच्छी संभावना है”.

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