अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कतर के शाही परिवार की तरफ से एक सुपर लग्जरी Boeing 747-8 जंबो जेट बतौर गिफ्ट लेने वाले हैं. यह जंबो जेट किसी विदेशी सरकार की तरफ से अमेरिका को दिया गया सबसे महंगा तोहफा होने वाला है. ट्रंप फिलहाल 40 साल पुराने एयर फोर्स वन के विमान का इस्तेमाल कर रहे हैं और नया जेट एयर फोर्स वन विमान की जगह लेगा.
बताया जा रहा है कि ट्रंप व्हाइट हाउस छोड़ने के बाद कतर से मिले विमान को अपने निजी इस्तेमाल के लिए रखेंगे. सुपर लग्जरी जेट की कीमत 40 करोड़ डॉलर बताई जा रही है. जेट इतना आलीशान है कि इसे 'फ्लाइंग पैलेस' यानी उड़ता-फिरता राजमहल के रूप में जाना जाता है. इसमें शानदार बाथरूम, निजी बेडरूम और शानदारी इंटीरियर है. जेट में एक बड़ी सी शानदार सीढ़ी है. इतना महंगा और लग्जरी विदेशी तोहफा स्वीकार करने को लेकर विपक्षी डेमोक्रेट्स ट्रंप की आलोचना कर रहे हैं.
लेकिन ट्रंप ने विपक्ष की आलोचनाओं का जवाब देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ पर लिखा, 'रक्षा मंत्रालय को एक तोहफा मिल रहा है, बिल्कुल मुफ्त...40 साल पुराने एयर फोर्स वन को अस्थायी रूप से रिप्लेस करने के लिए 747 एयरक्राफ्ट. यह बहुत ही सार्वजनिक और पारदर्शी तरीके से हो रहा है इसलिए डेमोक्रेट्स को इससे परेशानी हो रही है. वो कह रहे हैं कि हमने इसके लिए पैसे दिए हैं...डेमोक्रेट्स बेवकूफ हैं.'
किसी दूसरे देश से ट्रंप का सुपर लग्जरी गिफ्ट लेने पर कानून क्या कहता है?
जब सुल्तानों ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति मार्टिन वान ब्यूरेन को गिफ्ट्स देने की कोशिश की तो उन्होंने अमेरिकी संविधान का पालन करते हुए अमेरिकी संसद से पूछा था कि क्या किया जाए.
1839 में टैंजियर्स स्थित अमेरिकी वाणिज्य दूतावास में मोरक्को के सुल्तान ने वान ब्यूरेन को दो जीवित शेर उपहार में दिए थे और ओमान के सुल्तान ने उन्हें 1840 में जहाजों में भरकर घोड़े, मोती और दूसरी मूल्यवान चीजें देने की कोशिश की थीं.
वान ब्यूरेन ने एक पत्र लिखकर अमेरिकी सांसदों को इसकी सूचना देते हुए लिखा कि इस तरह के उपहार लेना कानून के विरुद्ध है. उन्होंने लिखा, 'मैं अपना कर्तव्य समझता हूं कि इस प्रस्ताव को कांग्रेस के समक्ष रखा जाए, ताकि वे इस पर जो भी उचित समझें, वह किया जा सके.'
कांग्रेस ने अपने राष्ट्रपति से कहा कि विदेशों से उपहार लेना ठीक नहीं है. वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार, शेरों को चिड़ियाघर में रख दिया गया और घोड़ों को बेच दिया गया. मोती और कीमती चीजों को संग्रहालय में रख दिया गया.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तर्क के अनुसार, वान ब्यूरेन बहुत बेवकूफ थे. सोमवार को ट्रंप ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'मैं बेवकूफ कहा जाऊंगा अगर मैं कहूंगा कि ओह, नहीं, हमें मुफ्त विमान नहीं चाहिए. हम मुफ्त चीजें देते हैं. तो हम भी एक ले लेंगे.'
लेकिन अमेरिका का कानून विदेशों से इस तरह के गिफ्ट्स लेने पर सख्त मनाही की बात करता है. अमेरिका का संविधान कहता है, 'अमेरिकी सरकार के अंदर कोई भी लाभ या विश्वास के पद पर बैठा व्यक्ति, कांग्रेस की सहमति के बिना किसी भी राजा, राजकुमार या दूसरे देश से किसी भी तरह का उपहार, पारिश्रमिक, पद या उपाधि स्वीकार नहीं करेगा.'
ऐसे में ट्रंप अगर कतर से लग्जरी जेट लेते हैं तो यह कानून का उल्लंघन माना जाएगा क्योंकि इसके लिए उन्होंने कांग्रेस की सहमति नहीं ली है.
अमेरिकी राष्ट्रपति का किसी दूसरे देश से मिले जेट में यात्रा करना कितना सुरक्षित?
एबीसी न्यूज के अनुसार, अगले हफ्ते अमेरिका को कतर से विमान मिल सकता है. विमान को लेकर यह चर्चा ऐसे वक्त में गर्म है जब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल के पहले अंतरराष्ट्रीय दौरे में मध्य-पूर्व पहुंचे हैं. ट्रंप सऊदी अरब पहुंच चुके हैं जिसके बाद वो संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और कतर का दौरा करेंगे.
अमेरिकी राष्ट्रपतियों के इतिहास की जानकारी रखने वाले और 'Doomsday Scenario' न्यूजलेटर के लेखक गैरेट ग्राफ के अनुसार, यह विश्वास करना कठिन है कि अमेरिका की खुफिया सीक्रेट सर्विस कभी भी किसी ऐसे विमान पर भरोसा करेगी जिसका उपयोग किसी विदेशी सरकार ने किया हो.
ग्राफ ने एक किताब लिखी है जिसमें उन्होंने बताया है कि कैसे जब अमेरिका पर हमला हुआ था तब राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू. बुश ने एयर फोर्स वन पर आठ घंटे बिताए थे. उस दौरान एयर फोर्स वन को छोड़कर किसी भी अन्य विमान को अमेरिकी एयर स्पेस में जाने की इजाजत नहीं थी.
जब अमेरिकी राष्ट्रपति उड़ान भर रहा होते हैं तो उनके चारों तरफ हवाई सुरक्षा की कई परतें होती हैं. इसकी बहुत सी जानकारियां सीक्रेट होती हैं लेकिन ग्राफ लिखते हैं कि राष्ट्रपति के आस-पास का क्षेत्र कितना अभेद्य होना चाहिए.
ग्राफ ने अपने न्यूजलेटर में लिखा, 'एक जेट, जो एक दशक से अधिक समय से विदेशी सरकार के कंट्रोल में रहा है, उसे अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए इस्तेमाल करने का विचार खुफिया नजरिए और भौतिक सुरक्षा, दोनों तरीके से अनुचित है.'
उन्होंने लिखा कि विमान को सुरक्षित बनाने के लिए उसमें पूरी तरीके से बदलाव करने होंगे लेकिन कितने भी बदलावों के बावजूद, वो अमेरिकी राष्ट्रपति को कतर के जेट में बिठाने के पक्ष में नहीं हैं.
परमाणु विस्फोट झेलने की ताकत रखते हैं एयर फोर्स वन के विमान
एयर फोर्स वन विमानों को शीत युद्ध के अंत के समय में बिल्कुल नए सिरे से बनाया गया था. ये विमान इतने मजबूत हैं कि परमाणु विस्फोट के प्रभावों को भी झेल सकते हैं. इनमें एंटी मिसाइल सिस्टम और ऑपरेटिंग रूम की भी व्यवस्था है. जरूरत पड़ने पर हवा से हवा में ही इन विमानों में ईंधन भी भरा जा सकता है.
एक पूर्व अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि कतर के विमान में इस तरह की सुविधाएं जोड़ी तो जा सकती हैं लेकिन यह आसान नहीं होगा. अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रपतियों के लिए ऐसे जेट पर उड़ान भरना जोखिम भरा होगा.