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'ट्रंप-मुनीर की मीटिंग पाकिस्तान के लिए शर्मनाक, क्योंकि...', बोले भारत के रक्षा सचिव

भारत के रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर की मुलाकात को पाकिस्तान के लिए बेइज्जती बताया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को न बुलाकर किसी सैन्य अधिकारी को बुलाना साफ दर्शाता है कि पाकिस्तान में सिर्फ सेना की चलती है.

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के बीच हुई मुलाकात (फोटो: एआई द्वारा बनाया गया)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के बीच हुई मुलाकात (फोटो: एआई द्वारा बनाया गया)

भारत के रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने कहा है कि व्हाइट हाउस में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर के बीच हुई मुलाकात इस्लामाबाद के लिए बेइज्जती है, क्योंकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को बुलाया नहीं गया था. 

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ट्रंप-मुनीर के बीच हुई मुलाकात एक दुर्लभ मामला है, जहां किसी देश के राष्ट्रपति द्वारा किसी देश के सैन्य प्रमुख को विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया हो. 

दोनों के बीच हुए मुलाकात ने यह साफ कर दिया है कि पाकिस्तान में सेना ही सब कुछ है. वहां की सेना ही फैसला लेती है. 

समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने कहा, 'ट्रंप और मुनीर के बीच हुई मुलाकात पर मेरी कोई खास राय नहीं है. यह किसी देश के लिए शर्म की बात होगी कि किसी देश के सैन्य प्रमुख को आमंत्रित किया गया हो और प्रधानमंत्री को आमंत्रित नहीं किया गया हो. यह बहुत ही अजीब मामला है'.

बुधवार को ट्रंप-मुनीर के बीच हुए मुलाकात के दौरान पाकिस्तान के लेफ्टिनेंट जनरल असीम मलिक भी शामिल थे. जो पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भी हैं. खास बात ये है कि पाकिस्तान की ओर से कोई भी नेता इस मुलाकात के दौरान शामिल नहीं हुआ. 

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बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद, पाकिस्तान के उच्च सैन्य अधिकारी और ट्रंप के बीच यह पहली मुलाकात है. 

यह भी पढ़ें: PAK को सता रहा ईरान में इस्लामिक शासन कमजोर होने का डर, ट्रंप से मीटिंग में आसिम मुनीर ने कही ये बात

व्हाइट हाउस ने बयान जारी कर बताया था कि ट्रंप ने मुनीर की मेजबानी इसलिए की थी, क्योंकि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध रोकने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति को नोबेल शांति प्राइज के लिए नामांकित करने के लिए समर्थन किया था.

ट्रंप ने कई बार दावा किया है कि भारत-पाकिस्तान के बीच उन्होंने सीजफायर करवाया. हालांकि, भारत ने ट्रंप के दावे को खारिज कर दिया. 

ट्रंप-मुनीर के बीच हुए मुलाकात से पहले, ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच 35 मिनट कर बातचीत हुई. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर किसी बाहरी के माध्यम से नहीं हुआ था.

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