हजारों भारतीयों की तरह अगर आप भी कनाडा जाने का इरादा कर रहे हैं तो कई छोटी-छोटी चीजें हैं जो आपके रास्ते को आसान बना सकती हैं. आज हम बात कर रहें हैं, पति-पत्नी में किसी एक का ज्यादा कामयाब होना कैसे कनाडा का PR पाने में मददगार साबित हो सकता है.
दरअसल, कनाडा का Express Entry System उम्मीदवारों का चयन Comprehensive Ranking System (CRS) के आधार पर करता है. यह सिस्टम हर उम्मीदवार को एक स्कोर देता है, जो बताता है कि कौन स्थायी निवास पाने के लिए कितना योग्य है. इसके लिए हमने कनाडा में इमिग्रेशन कंसलटेंसी फर्म चलाने वाले जुनैद अली खान से बात की.
इस पर जुनैद अली खान का कहना है, आमतौर पर अगर कोई कपल भारत में है और कनाडा आने का इरादा कर रहा है तो इस केस में हम पति और पत्नी, दोनों का अलग-अलग CRS स्कोर चेक करते हैं. अगर दोनों उच्च शिक्षा हासिल किए हुए हैं और अच्छी नौकरी करते हैं और IELTS में भी दोनों के नंबर में ज्यादा फर्क नहीं है तो कम उम्र और बेहतर इंग्लिश वाले के नाम से एप्लीकेशन शुरू करने की सलाह देते हैं.
इस स्थिति में मान लो, लड़के का स्कोर 440 हो रहा है और लड़की का 470 हो रहा है तो लड़की को वर्क परमिट दिलवाकर उसे कनाडा बुलाते हैं. अगर वो कनाडा में एक साल अच्छी जॉब कर लेती है तो 40 प्वाइंट बढ़कर इसका स्कोर 510 हो सकता है, जो PR हासिल करने के लिए काफी है. और 2 साल के एक्सपीरियंस के साथ 520 से ज्यादा जा सकता है. वहीं यही काम लड़के के साथ किया जाता तो जॉब के 40 नंबर जोड़ने पर भी वो 480 स्कोर ही हासिल कर पाता, जो PR पाने के लिए इन दिनों नाकाफी हैं. हालांकि लड़की PR हासिल कर Spousal Sponsorship के तहत अपने पति को PR दिलवा सकती है. इस स्थिति में पति-पत्नी कुछ टाइम के लिए अलग-अलग देश में रहेंगे.
खास फील्ड में जॉब से हो सकती है आसानी
दूसरी स्थिति ये है कि मान लो लड़की एजुकेशन या हेल्थकेयर जैसे फील्ड से जुड़ी है या उसे फ्रेंच आती है. इस सभी चीजों की डिमांड कनाडा में ज्यादा है और पति के पास ये तीनों चीजें न हों तो इस स्थिति में लड़की आसानी से PR के लिए CRS स्कोर हासिल कर सकती है. क्योंकि इन कैटेगरी का CRS स्कोर कम रहता है और फ्रेंच के एक्स्ट्रा स्कोर मिलते हैं.
इस स्थिति में PR एप्लीकेशन में लड़की को मुख्य आवेदक (Principle Applicant) बनाया जाता है और दूसरे पार्टनर को Accompanying Spouse के रूप में जोड़ा जाता है. फिर उसके Spouse की योग्यता भी जोड़ी जाती है, जिससे उसके कुछ नंबर और बढ़ जाते हैं. तो अब दोनों को PR के लिए एक साथ ITA (Invitation to Apply) मिलता है.
उलट भी हो सकती है स्थिति
हालांकि अगर लड़की भी ज्यादा कामयाब न हो और उसका पार्टनर उससे भी कम पढ़ा-लिखा, या कमजोर इंग्लिश वाला है तो स्थिति इसके उलट भी हो सकती है. ऐसी स्थिति में बेहतर ये है कि पहले एक शख्स PR हासिल करे और फिर अपने पार्टनर को Spousal Sponsorship के तहत बुलाए.
फ्रॉड केसों के वजह से बढ़ रही सख्ती
जुनैद ने ये भी बताया, "इस चीज का गलत इस्तेमाल भी बड़े पैमाने पर हो रहा है. जिसकी वजह से कनाडा सरकार समय-समय पर कई बदलाव भी करती जा रही है. लोग PR के लिए बाकायदा कॉनट्रैक्ट मैरिज कर रहे हैं. लोग ऐसी लड़की ढूंढते हैं, जो उसे PR दिलवा सकती है, उससे कॉनट्रैक्ट करते हैं कि तुम जाकर PR लो, फिर Spousal Sponsorship के तहत उस शख्स को PR दिलवाओ और फिर अलग हो जाओ. इसके लिए शख्स बड़ी कीमत अदा करता है.
ऐसे केस इतने ज्यादा होने लगे कि इस नियम में भी कुछ बदलाव करने पड़े. अब कोई शख्स एक बार किसी को Spousal Sponsorship पर बुलाने के बाद अगले 3 साल तक किसी और शख्स को नहीं बुला सकता. बल्कि जिसने Spousal Sponsorship से PR हासिल किया है, वो शख्स अगले 5 साल तक किसी को PR नहीं दिलवा सकता.
यानी ये कपल अपना कॉनट्रैक्ट खत्म करके अपनी असली शादी के पार्टनर को भी अगले 3 या 5 साल तक अपने साथ कनाडा में नहीं रख सकता. या अगर कोई सिंगल था तो शादी करने के बाद भी वो शख्स अपने पार्टनर को तय समय तक भारत से कनाडा नहीं ला सकता.