बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल हामिद रातो-रात लुंगी पहनकर देश छोड़कर थाईलैंड रवाना हो गए हैं, जिसके बाद अंतरिम सरकार ने पुलिस अधिकारियों को निलंबित और ट्रांसफर कर दिया है. साथ ही इस मामले में जांच के लिए एक कमेटी गठित कर दी है.
एक रिपोर्ट में दावा किया कि बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति राष्ट्रपति अब्दुल हामिद रातो-रात लुंगी पहनकर देश छोड़कर भाग गए. हालांकि, उनके परिवार का दावा है कि वे अपने भाई और साले के साथ इलाज के लिए गए हैं. लेकिन उनके राजनीतिक विरोधियों का कहना है कि वे बांग्लादेश में मुकदमे से बचने के लिए भाग गए हैं. बताया जा रहा है कि पूर्व राष्ट्रपति सुबह 3 बजे ढाका एयरपोर्ट से थाई एयरवेज की फ्लाइट्स में सवार होकर निकल गए.
मामले की जांच को कमेटी गठित
नाइटेड न्यूज ऑफ बांग्लादेश के अनुसार, मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति के थाईलैंड भागने के मामले की जांच के लिए शिक्षा सलाहकार सीआर अबरार की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है जो इस मामले की जांच करेगी. साथ ही इस मामले में एक्शन लेते हुए अंतरिम सरकार ने पुलिस अधिकारियों को निलंबित और ट्रांसफर कर दिया है.
SAD ने किया प्रदर्शन
इस मामले को लेकर गुस्साए स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन (एसएडी) ने हामिद को भगाने में मदद करने वाले खिलाफ 24 घंटे के अंदर दंडात्मक कार्रवाई की मांग की. ये वही संगठन है, जिसने आरक्षण विरोधी आंदोलन की शुरुआत की थी जो हसीना सरकार के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन में बदल गया.
एक रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेशी राजनेता हन्नान मसूद ने दावा किया कि हामिद का देश से भागना सत्ता में बैठे लोगों, विशेष रूप से राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन चुप्पू की अनुमति से संभव है, ताकि वह मुकदमे से बच सकें.
दो बार रह चुके हैं राष्ट्रपति
अब्दुल हामिद 2013 से 2023 तक दो कार्यकालों के लिए बांग्लादेश के राष्ट्रपति रहे चुके है. वह 2024 में आंदोलन अवधि के दौरान अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके सहयोगियों के खिलाफ दर्ज हत्या के कम से कम एक मामले में सह-अभियुक्त भी हैं. और बताया जा रहा है कि इसी मुकदमे से बचने के लिए वह देश छोड़कर भाग गए हैं.
आपको बता दें कि राष्ट्रपति बनने से पहले, अब्दुल हामिद हसीना की अवामी लीग पार्टी से सांसद थे. उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत अवामी लीग के छात्र संगठन, छत्र लीग, से की थी. यूनुस की अंतरिम सरकार ने अक्टूबर 2024 में छत्र लीग पर प्रतिबंध लगा दिया था.