बांग्लादेश के शीर्ष चुनाव निकाय ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके परिवार के नौ सदस्यों के राष्ट्रीय पहचान पत्र (NIDs) लॉक कर दिए हैं. Daily Star अख़बार की रिपोर्ट के मुताबिक, हसीना सहित 10 लोगों के पहचान पत्र 16 फरवरी को एक आधिकारिक पत्र के जरिए लॉक किए गए थे, जिस पर चुनाव आयोग में राष्ट्रीय पहचान पंजीकरण विंग के महानिदेशक एएसएम हुमायूं कबीर ने हस्ताक्षर किए थे.
परिवार के किन लोगों पर एक्शन?
सरकारी समाचार एजेंसी BSS ने सोमवार को बताया कि जिन अन्य सदस्यों के पहचान पत्र लॉक किए गए हैं, उनमें हसीना के बेटे सजीब वाजेद, बेटी साइमा वाजेद, बहन शेख रेहाना सिद्दीक, ट्यूलिप रिजवाना सिद्दीक, अजमीना सिद्दीक, शाहीन सिद्दीक, बुशरा सिद्दीक, रादवान मुजीब सिद्दीक और तारिक अहमद सिद्दीक के नाम शामिह हैं.
अधिकारियों के मुताबिक, पहचान पत्र लॉक होने का मतलब है कि इसकी जानकारी को अब सुधारा, सत्यापित या बदला नहीं जा सकता. लॉक किए गए पहचान पत्र अनुपयोगी हैं, इसलिए हसीना और उनके परिवार के नौ सदस्यों को एनआईडी से संबंधित कोई भी सर्विस नहीं मिलेगी.
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पिछले साल से भारत में हैं हसीना
वर्षीय हसीना पिछले साल 5 अगस्त से भारत में रह रही हैं. देश के अंदर बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद हसीना भारत आ गईं थीं. बांग्लादेश पुलिस के राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो (NCB) ने हाल ही में इंटरपोल के जरिए एक अनुरोध भेजा है, जिसमें हसीना सहित 12 लोगों के खिलाफ रेड नोटिस जारी करने की मांग की गई. इंटरपोल के जरिए रेड नोटिस का उपयोग प्रत्यर्पण या इसी तरह की कानूनी कार्रवाई लंबित व्यक्तियों का पता लगाने और उन्हें अस्थायी रूप से गिरफ्तार करने में मदद के लिए किया जाता है.
शेख हसीना पर सामूहिक हत्याओं और मानवता के खिलाफ अपराध, जबरन गायब करने जैसे कई आरोप हैं, जबकि ये मामले बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में दायर किए जा रहे थे.