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खाड़ी देशों के साथ दोस्ती मजबूत करने निकले ट्रंप, सऊदी से हुई बड़ी डिफेंस डील, अब कतर और UAE का दौरा

सऊदी प्रिंस बिन सलमान की तारीफ करते हुए ट्रंप ने उन्हें उम्र से कहीं ज्यादा समझदार नेता बतायाा और कहा कि हम एक-दूसरे को बहुत पसंद करते हैं. उन्होंने कहा कि अमेरिका के निवेश से सऊदी में लाखों नौकरियां पैदा होंगी. इसके अलावा सऊदी भी अमेरिका में 600 अरब डॉलर का निवेश करेगा.

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अमेरिकी राष्ट्रपति का सऊदी अरब दौरा
अमेरिकी राष्ट्रपति का सऊदी अरब दौरा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तीन खाड़ी देशों की यात्रा पर हैं और उनका पहला पड़ाव सऊदी अरब था. सऊदी के साथ अमेरिका ने 142 अरब डॉलर की अब तक की सबसे बड़ी डिफेंस डील की है, जिसके तहत ट्रांसपोर्ट प्लेन से लेकर रडार सिस्टम और मिसाइलों समेत कई रक्षा उपकरण सऊदी अरब को मुहैया कराए जाएंगे. सऊदी के बाद राष्ट्रपति ट्रंप कतर और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की यात्रा करेंगे.

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सीरिया पर प्रतिबंध हटाने का ऐलान

राष्ट्रपति ट्रंप ने सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ द्विपक्षीय वार्ता की और खाड़ी मुल्क को अमेरिका का प्रमुख साझेदार बताया है. रियाद में दोनों नेताओं ने इन्वेस्टमेंट फोरम में हिस्सा लिया और इस दौरान अहम रक्षा सौदों पर साइन किए गए हैं. इस फोरम को संबोधित करते हुए ट्रंप ने सीरिया के ऊपर लगे प्रतिबंध हटाने का भी ऐलान किया है और कहा कि अब सीरिया के आगे बढ़ने का वक्त आ गया है. साथ ही वह बुधवार को सीरिया के राष्ट्रपति से भी मुलाकात कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें: सीरिया से प्रतिबंध हटाएगा अमेरिका... ट्रंप ने सऊदी में किया ऐलान, कहा- हमारा मकसद पूरा हुआ

सऊदी प्रिंस बिन सलमान की तारीफ करते हुए ट्रंप ने उन्हें उम्र से कहीं ज्यादा समझदार नेता बतायाा और कहा कि हम एक-दूसरे को बहुत पसंद करते हैं. उन्होंने कहा कि अमेरिका के निवेश से सऊदी में लाखों नौकरियां पैदा होंगी. इसके साथ सऊदी भी अमेरिका में 600 अरब डॉलर का निवेश करेगा. ट्रंप की दूसरी बार राष्ट्रपति बनने पर सऊदी ने ऐलान किया था कि वह अमेरिका मे 600 अरब डॉलर का निवेश करेगा.

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USA-TRUMP-GULF-SAUDI

सऊदी से पुरानी दोस्ती को दोहराया

ट्रंप के दूसरी बार राष्ट्रपति बनने पर यह उनकी पहली सऊदी विजिट है. हालांकि इससे पहले जब उन्होंने पहली बार राष्ट्रपति का पद संभाला था तब 2017 में अपने पहले विदेश दौरे के लिए सऊदी अरब को ही चुना था. अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद पहले विदेश दौरे पर मैक्सिको और कनाडा जैसे देशों में जाने की परंपरा है. लेकिन ट्रंप ने उसे तोड़ते हुए सऊदी अरब का दौरा किया था.

यही नहीं, दूसरी बार अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप ने सबसे पहला फोन सऊदी प्रिंस बिन सलमान को ही लगाया था और इसके पीछे तर्क देते हुए उन्होंने मीडिया से कहा था कि जो अमेरिका में सबसे ज्यादा निवेश करेगा वह उसी देश का दौरा करेंगे. अमेरिका के लिए सऊदी अरब न सिर्फ निवेश के लिहाज से बल्कि रणनीतिक तौर पर भी काफी अहम है. अमेरिका के कई सैन्य बेस इसी देश के आसपास हैं और सऊदी विदेशी हथियारों का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार है. 

अमेरिका के लिए क्यों अहम खाड़ी देश

इसके अलावा दुनियाभर के तेल भंडार का करीब 20 फीसदी हिस्सा सऊदी अरब के पास है और यहां की सबसे बड़ी तेल कंपनी अरामको का निर्माण अमेरिका ने ही करवाया था. अमेरिका और सऊदी अरब के बीच दो लाख करोड़ से ज्यादा का कारोबार है और दोनों देशों का इंपोर्ट-एक्सपोर्ट लगभग बराबर ही है. अमेरिका से सऊदी में करीब 1.1 लाख करोड़ का एक्सपोर्ट होता है, इसी तरह सऊदी भी अमेरिका में करीब एक लाख करोड़ का एक्सपोर्ट करता है.  

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ये भी पढ़ें:  ट्रंप के लिए कितना सुरक्षित होगा कतर का 'उड़ता-फिरता राजमहल?'

तीन देशों की यात्रा को राष्ट्रपति ट्रंप की मिडिल ईस्ट में ऐतिहासिक वापसी कहा जा रहा है. यह उनके दूसरे कार्यकाल की पहली स्टेट विजिट है. सऊदी अरब के बाद ट्रंप का अलग पड़ाव कतर है. कतर पहले ही दोहा सीजर एक्ट के तहत सीरिया से प्रतिबंध हटाने की मांग कर रहा था और ट्रंप ने वहां पहुंचने से पहले ही इसका ऐलान भी कर दिया है. कतर को मध्य पूर्व में अमेरिका का सबसे बड़ा रक्षा प्रतिष्ठान माना जाता है. इस दौरे पर कतर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को 3400 करोड़ का विमान बोइंग 747-8 जंबो जेट गिफ्ट करने का आधिकारिक ऐलान भी कर सकता है.

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ट्रंप को गिफ्ट मिल रहा 'फ्लाइंग पैलेस'

कतर से मिलेगा मेगा गिफ्ट

इस विमान की चर्चा ट्रंप के दौरे से पहले ही शुरू हो गई थी. इस गिफ्ट को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि कोई मूर्ख ही होगा, जो इसे स्वीकार नहीं करेगा. हालांकि ट्रंप ने यह भी साफ किया कि विमान अमेरिकी वायुसेना को गिफ्ट किया जा रहा है और यह उनका पर्सनल गिफ्ट नहीं है. उन्होंने कहा कि यह विमान ऐसे देश की ओर से गिफ्ट किया जा रहा है जिसकी हमने सालों से रक्षा की है और हमारे बोइंग को तैयार होने में वक्त लग रहा है, ऐसे में इस विमान का इस्तेमाल अस्थाई तौर पर किया जाएगा. इस लग्जरी विमान को 'फ्लाइंग पैलेस' कहा जाता है क्योंकि इसमें आलीशान सुइट, बेडरूम, कॉन्फ्रेंस रूम, डाइनिंग एरिया, लाउंज और बाथरूम जैसी सुविधाएं मौजूद हैं. यह विमान 1100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है और यह दुनिया का सबसे बड़ा कमर्शियल प्लेन है.

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ये भी पढ़ें:  ट्रंप की यात्रा से पहले अमेरिका ने UAE को 1.4 बिलियन डॉलर के हथियार पैकेज को दी मंजूरी

कतर के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप UAE का दौरा करने वाले हैं. अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने ट्रंप की यात्रा से पहले ही UAE को करीब 1.4 बिलियन डॉलर के हथियार बेचने को मंजूरी दे दी है. यूएई 1.32 बिलियन डॉलर की लागत से छह CH-47F चिनूक हेलीकॉप्टर खरीदेगा. साथ ही F-16 फाइटर जेट के पार्ट्स और अन्य रखरखाव के लिए करीब 130 मिलियन डॉलर खर्च करेगा. चिनूक हेलीकॉप्टर से यूएई अपनी सैन्य क्षमताओं को प्रभावी बनाने की ओर बढ़ने वाला है. इसके अलावा ट्रंप की यात्रा के दौरान AI टेक्नोलॉजी और माइक्रोचिप को लेकर भी UAE के साथ अहम करार हो सकते हैं.

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