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'आतंक के खिलाफ जंग में शानदार पार्टनर', अमेरिका के टॉप जनरल ने थपथपाई पाकिस्तान की पीठ

अमेरिकी संसद की सशस्त्र सेवा समिति के समक्ष गवाही देते हुए जनरल कुरिल्ला ने भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ रणनीतिक संबंध बनाए रखने की पुरजोर वकालत की तथा इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका को अपनी साउथ एशिया को जीरो-सम लेंस (एक पक्ष का फायदा, दूसरे पक्ष का नुकसान) के माध्यम से नहीं देखना चाहिए.' 

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अमेरिकी सेंट्रल कमांड (सेंटकॉम) के कमांडर जनरल माइकल कुरिल्ला. (AP Photo)
अमेरिकी सेंट्रल कमांड (सेंटकॉम) के कमांडर जनरल माइकल कुरिल्ला. (AP Photo)

संयुक्त राज्य अमेरिका के सेंट्रल कमांड (सेंटकॉम) के कमांडर जनरल माइकल कुरिल्ला ने पाकिस्तान को 'आतंक रोधी अभियानों में एक अभूतपूर्व साझेदार' बताया है. उन्होंने आईएसआईएस-खुरासान के खिलाफ अभियानों में इस्लामाबाद की भूमिका पर भी प्रकाश डाला. अमेरिकी संसद में हाउस आर्म्ड सर्विसेज कमिटी की एक सुनवाई के दौरान जनरल माइकल कुरिल्ला ने पाकिस्तान को लेकर यह टिप्पणियां कीं. ऐसे समय में जब भारत ने अप्रैल में पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान को कूटनीतिक रूप से अलग-थलग करने के लिए वैश्विक स्तर पर पैरवी तेज कर दी है, शीर्ष अमेरिकी सैन्य अधिकारी के इस बयान से हलचल मचने की संभावना है. 

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जनरल कुरिल्ला ने पाकिस्तान के बारे में कहा, 'वह इस समय आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं, तथा काउंटर टेररिज्म में एक अभूतपूर्व साझेदार रहा है.' अमेरिकी संसद की सशस्त्र सेवा समिति के समक्ष गवाही देते हुए जनरल कुरिल्ला ने भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ रणनीतिक संबंध बनाए रखने की पुरजोर वकालत की तथा इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका को अपनी साउथ एशिया को जीरो-सम लेंस (एक पक्ष का फायदा, दूसरे पक्ष का नुकसान) के माध्यम से नहीं देखना चाहिए.' 

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भारत और PAK दोनों से अमेरिका रखे अच्छे संबंध: कुरिल्ला

उन्होंने कहा, 'हमें पाकिस्तान और भारत के साथ संबंध बनाने की जरूरत है. मैं नहीं मानता कि अगर हम भारत के साथ संबंध रखते हैं तो हम पाकिस्तान के साथ संबंध नहीं रख सकते. हमें संबंधों के मेरिट को सकारात्मकता के लिए देखना चाहिए.' कुरिल्ला की यह टिप्पणी भारत द्वारा पाकिस्तान को सीमापार आतंकवाद के समर्थन के लिए जवाबदेह ठहराने के लिए बढ़ते कूटनीतिक प्रयास की पृष्ठभूमि में आई है. 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की जान जाने के बाद, भारत ने 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी बुनियादी ढांचे पर सटीक हमले किए. दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच सहमति बनने के बाद 10 मई को सैन्य तनाव समाप्त हुआ.

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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि आतंकवाद के पीड़ितों और अपराधियों की बराबरी नहीं की जा सकती. कुरिल्ला ने आईएसआईएस-खुरासान के खिलाफ पाकिस्तान के सैन्य प्रयासों की प्रशंसा की. उन्होंने पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर का नाम लेते हुए कहा कि इस्लामाबाद ने आईएसआईएस के लड़ाकों को निशाना बनाने के लिए अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर दर्जनों ऑपरेशन किए हैं. कुरिल्ला ने कहा कि अफगानिस्तान से संचालित आईएसआईएस-खुरासान, अमेरिका की धरती सहित दुनिया भर में हमले करने वाले सबसे सक्रिय आतंकवादी समूहों में से एक है.

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अमेरिकी जनरल ने आतंकवाद परस्त PAK से दिखाई हमदर्दी

उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान के साथ अभूतपूर्व साझेदारी के माध्यम से, अमेरिकी सैनिकों ने आईएसआईएस-खुरासान पर हमला किया और दर्जनों आतंकियों को मार गिराया. पाकिस्तान द्वारा खुफिया जानकारी उपलब्ध कराने की वजह से हमने आईएसआईएस-खुरासान के कम से कम पांच बड़े कमांडर्स को पकड़ने में सफलता पाई.' आईएसआईएस-खुरासान के पकड़े गए कमांडर्स में, कुरिल्ला ने मोहम्मद शरीफुल्लाह उर्फ ​​जफर का उल्लेख किया, जो कथित तौर पर 2021 काबुल हवाई अड्डे पर आत्मघाती बम विस्फोट में शामिल था, जिसमें 13 अमेरिकी सैन्यकर्मी और 160 से अधिक नागरिक मारे गए थे. जनरल कुरिल्ला ने कहा कि मोहम्मद शरीफुल्लाह उर्फ ​​जफर की गिरफ्तारी के बाद मुनीर [पाकिस्तानी सेना प्रमुख] मुझे फोन करने वाले पहले व्यक्ति थे. उन्होंने मुझसे कहा कि मैंने उसे पकड़ लिया है, मैं उसे वापस अमेरिका प्रत्यर्पित करने को तैयार हूं. कृपया अपने रक्षा सचिव और राष्ट्रपति को इसके बारे में बता दें.'

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जनरल कुरिल्ला ने आतंकवाद के कारण पाकिस्तान को हुई मानवीय क्षति के बारे में भी बताया और खुलासा किया कि 2024 की शुरुआत से अब तक देश में 1,000 से अधिक आतंकवादी हमले हुए हैं, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 700 सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं और 2,500 नागरिक हताहत हुए हैं. कुरिल्ला की यह टिप्पणी पिछले महीने भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव के बाद युद्ध विराम को सुगम बनाने में अमेरिका की अहम भूमिका के दावों के बाद आई है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई मौकों पर भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम कराने का श्रेय लिया है, हालांकि उनकी टिप्पणियों से नई दिल्ली में नाराजगी है. भारत ने कई अवसरों पर अमेरिका द्वारा पाकिस्तान के साथ युद्ध विराम कराने के दावों का खंडन किया है. 

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अमेरिकी सेना के शीर्ष अधिकारी द्वारा पाकिस्तान की तारीफ के बावजूद, भारत वैश्विक मंचों पर इस्लामाबाद के खिलाफ अपनी बात रखना जारी रखे हुए है. पहलगाम हमले और उसके बाद ऑपरेशन सिंदूर के बाद, भारत ने पाकिस्तान समर्थित आतंकी एजेंडे को उजागर करने के लिए दुनिया भर की 33 राजधानियों में सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजे. विदेश मंत्री जयशंकर ने ब्रुसेल्स की यात्रा के दौरान आतंकवाद के प्रति भारत की जीरो-टॉलरेंस पॉलिसी की पुष्टि की और कड़ी चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि भारत ने आतंकवाद के प्रति अपनी प्रतिक्रिया में नए स्टैंडर्ड स्थापित किए हैं और अगर पाकिस्तान अपनी हरकतें जारी रखता है तो देश जवाबी कार्रवाई करने से पहले दो बार नहीं सोचेगा. 

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आतंकी PAK में चाहे कहीं हों, भारत जवाब देगा: जयशंकर

जयशंकर ने न्यूज आउटलेट 'पोलिटिको' (Politico) को दिए एक साक्षात्कार में कहा, 'हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. इसलिए हमारा संदेश उन्हें यह है कि यदि आप अप्रैल में किए गए बर्बर कृत्यों को जारी रखते हैं, तो आपको कीमत चुकानी होगी और हमारा जवाब आतंकवादी संगठनों और आतंकवादी नेतृत्व के खिलाफ होगा. हमें फर्क नहीं पड़ता कि वे (आतंकी और उनके संगठन) कहां हैं. यदि वे पाकिस्तान में बहुत अंदर भी बैठे हुए हैं, तो हम वहां जाकर जवाब देंगे.' मीडिया से बातचीत में एस. जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद पश्चिम को परेशान करने के लिए वापस आएगा. उन्होंने कहा, 'मैं आपको एक बात याद दिलाना चाहता हूं- ओसामा बिन लादेन नाम का एक आदमी था. वह सभी लोगों में से, वेस्ट प्वाइंट के ठीक बगल में एक पाकिस्तानी सैन्य शहर में वर्षों तक सुरक्षित क्यों महसूस करता था? मैं चाहता हूं कि दुनिया समझे- यह केवल भारत-पाकिस्तान का मुद्दा नहीं है. यह आतंकवाद के बारे में है. और वही आतंकवाद अंततः आपको परेशान करने के लिए वापस आएगा.'

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