चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने अमेरिका को कड़ा संदेश देते हुए कहा है कि "धमकी और प्रतिबंधों के बीच बातचीत नहीं हो सकती." मंत्रालय ने बताया कि अमेरिका की ओर से बातचीत का प्रस्ताव मिला है, लेकिन अगर वह लगातार नई पाबंदियों और डराने-धमकाने की नीति अपनाता रहेगा, तो यह चीन से संबंध सुधारने का सही तरीका नहीं है.
चीन ने यह भी पुष्टि की कि दोनों देशों के बीच सोमवार को वर्किंग-लेवल बातचीत हुई है. यह बातचीत उस समय हुई है जब दोनों देशों के बीच रेयर अर्थ निर्यात को लेकर तनाव बढ़ा हुआ है. बीजिंग ने कहा कि उसने अपने नए निर्यात नियंत्रण नियमों के बारे में पहले ही वॉशिंगटन को सूचित कर दिया था.
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मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "अमेरिका को अपनी गलतियों को सुधारना चाहिए, ईमानदारी दिखानी चाहिए और चीन के साथ आधे रास्ते में मिलना चाहिए. धमकी देते हुए बातचीत करना सही तरीका नहीं है."
यह भी बताया गया कि चीन और अमेरिका के बीच आर्थिक और व्यापार परामर्श तंत्र के तहत संवाद जारी है. चीन ने कहा कि उसने अमेरिका के 100 प्रतिशत टैरिफ और अन्य प्रतिबंधों की धमकी पर अपनी स्थिति पहले ही स्पष्ट कर दी है.
अमेरिका को पहले ही दे दी गई थी जानकारी
चीन ने बताया कि उसने अमेरिका को पहले से ही इस निर्यात नियंत्रण के बारे में जानकारी दे दी गई थी. इसके विपरीत, अमेरिका ने राष्ट्रीय सुरक्षा की संकल्पना का दुरुपयोग करते हुए निर्यात नियंत्रणों को ज्यादा बड़ा कर दिया है और चीन के खिलाफ भेदभावपूर्ण कदम उठाए हैं.
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चीन से वार्ता के बाद टैरिफ लगा रहा अमेरिका!
जब से मैड्रिड में चीन-यूएस आर्थिक और व्यापार वार्ता हुई है, अमेरिका ने लगातार नए प्रतिबंध लगाए हैं, जिससे चीन का कहना है कि उसके हितों को काफी नुकसान पहुंचा है और द्विपक्षीय आर्थिक बातचीत का माहौल बिगड़ा है.