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'प्रसाद में कोई धर्म नहीं होता...', जगन्नाथ मंदिर के प्रसाद पर TMC और BJP में घमासान

पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री फिरहाद हाकिम ने कहा, "प्रसाद में कोई धर्म नहीं होता है, इनकी मानसिकता छोटी है. भगवान तो सभी के हैं, भगवान के नाम पर प्रसाद तो सभी के लिए होता है. सुवेंदु अधिकारी तो नास्तिक हैं, वो क्या प्रसाद खाएंगे."

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मंदिर के प्रसाद पर बीजेपी और टीएमसी में ठनी (तस्वीर: प्रतीकात्मक/MetaAI)
मंदिर के प्रसाद पर बीजेपी और टीएमसी में ठनी (तस्वीर: प्रतीकात्मक/MetaAI)

पश्चिम बंगाल (West Bengal) के पूर्वी मेदिनीपुर जिले में स्थित दीघा जगन्नाथ मंदिर के प्रसाद को लेकर टीएमसी और बीजेपी के बीच ठन गई है. बीजेपी का कहना है कि मुसलमानों द्वारा प्रसाद तैयार करना सनातन विरोधी है. वहीं, टीएमसी कह रही है कि भगवान सभी के लिए हैं.

भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया है कि मिठाई की दुकानों और राशन डीलरों में ज्यातार मुस्लिम समुदाय के लोग हैं. उन्हें कथित तौर पर गाजा और पेड़ा तैयार करने और बांटने का काम सौंपा गया है, जिसे प्रभु जगन्नाथ देव का पवित्र प्रसाद बताया जा रहा है.

'जो सनातन धर्म नहीं मानते...'

बीजेपी विधायक सुवेंदु अधिकारी ने कहा, "प्रसाद तो सनातन धर्म का प्रसाद है, हम तो प्रसाद को माथे पर लगाते हैं, हम चप्पल उतार कर प्रसाद लेते हैं. प्रसाद सनातन धर्म का हिस्सा है, वे लोग जो सनातन धर्म को नहीं मानते हैं. जो सनातनियों को काफिर समझते हैं, अगर वे प्रसाद बनाते हैं, तो उसे हम लोग प्रसाद नहीं मानेंगे."

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'सुवेंदु अधिकारी नास्तिक हैं...'

वहीं, पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री फिरहाद हाकिम ने कहा, "प्रसाद में कोई धर्म नहीं होता है, इनकी मानसिकता छोटी है. भगवान तो सभी के हैं, भगवान के नाम पर प्रसाद तो सभी के लिए होता है. सुवेंदु अधिकारी तो नास्तिक हैं, वो क्या प्रसाद खाएंगे."

 
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