रामनवमी को लेकर पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. पुलिस के अनुसार, रविवार सुबह से ही राज्यभर में धार्मिक कार्यक्रम का सिलसिला शुरू हो जाएगा और केवल कोलकाता में ही 60 से अधिक जुलूस निकलने की संभावना है.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक कोलकाता पुलिस ने रामनवमी के मौके पर 3,500 से अधिक जवानों को तैनात किया है. इन पर डिप्टी कमिश्नर और जॉइंट कमिश्नर रैंक के अधिकारियों की निगरानी रहेगी. जुलूस की निगरानी ड्रोन कैमरे और सीसीटीवी के माध्यम से की जाएगी, जबकि एंटली, कसिपोर, खिदिरपुर और चितपुर जैसे संवेदनशील इलाकों में क्विक रिस्पांस टीम (QRT) की तैनाती की गई है.
कोलकाता पुलिस मुख्यालय लालबाजार से रैलियों की लाइव स्ट्रीमिंग पर नजर रखी जाएगी. 20 से अधिक आईपीएस अधिकारियों को अलग-अलग डिवीजनों की जिम्मेदारी सौंपी गई है. पुलिस की यह मुस्तैदी 7 अप्रैल तक जारी रहेगी.
राज्य के अन्य जिलों हावड़ा, हुगली, उत्तर 24 परगना, आसनसोल, पूर्व और पश्चिम बर्धमान, मालदा, मुर्शिदाबाद, जलपाईगुड़ी और सिलीगुड़ी में भी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी हालात की निगरानी करेंगे.
हावड़ा के सांकराइल इलाके में शनिवार को देवी सिंहवाहिनी की पूजा के अवसर पर लोगों ने तलवार और त्रिशूल की कार्डबोर्ड प्रतिकृतियों के साथ रैली निकाली. यह दिन बंगाल में पारंपरिक रूप से अन्नपूर्णा पूजा के रूप में मनाया जाता है.
2026 विधानसभा चुनावों को लेकर रामनवमी पर बंगाल में राजनीतिक तेज हो गई है. इस बार बीजेपी और अन्य हिंदूवादी संगठनों के साथ-साथ सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने भी राम नवमी रैलियों की घोषणा की है.
पिछले साल रामनवमी के दौरान बंगाल में हिंसा की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. 2023 में हावड़ा के शिबपुर इलाके में रैली के दौरान हिंसा, आगजनी और सांप्रदायिक झड़पें हुई थीं, जिसके बाद केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती और धारा 144 लागू करनी पड़ी थी. 2022 में भी इसी तरह के हालात शिबपुर और ऋषरा में देखने को मिले थे. बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया है कि इस बार 1.5 करोड़ हिंदू राम नवमी पर सड़कों पर उतरेंगे और राज्यभर में 2,000 से अधिक रैलियां निकाली जाएंगी.