इंडियन नेवी के लिए हाई-टेक्नोलॉजी नेविगेशन सिस्टम में स्वदेशी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए समझौता हुआ है. गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (GRSE) ने बेंगलुरु स्थित सेंटम इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं. यह एमओयू 8 अक्टूबर 2025 को कोलकाता के जीआरएसई भवन में हस्ताक्षरित हुआ है. यह साझेदारी 'आत्मनिर्भर भारत' पहल के तहत रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
एमओयू ने उन्नत नौसैनिक नेविगेशन सिस्टम के संयुक्त अनुसंधान और विकास (R&D) के लिए एक सहयोगात्मक ढांचा तैयार किया है.
यह साझेदारी न केवल अत्याधुनिक प्रणालियों को विकसित करने पर केंद्रित है, बल्कि उच्च-विश्वसनीयता वाले घटकों और उप-प्रणालियों के लिए घरेलू विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को भी मजबूत करेगी.
सहयोग के मुख्य क्षेत्र क्या हैं?
सहयोग के मुख्य क्षेत्रों में जहाज पर ऑनबोर्ड इंस्टॉलेशन, सिस्टम इंटीग्रेशन, परीक्षण और ट्रायल शामिल हैं. इसके अलावा, इसमें मौजूदा नेविगेशन सिस्टम के आधुनिकीकरण और अपग्रेड पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा. इस सहयोग से जीआरएसई अपनी तकनीकी क्षमताओं का विस्तार करने की दिशा में आगे बढ़ेगा और रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी R&D को बढ़ावा मिलेगा.
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सुरक्षा और तकनीकी आत्मनिर्भरता पर जोर...
यह साझेदारी भारत सरकार के रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी R&D और नवाचार को बढ़ावा देने के नजरिए के मुताबिक है. सेंटम इलेक्ट्रॉनिक्स भारत के एयरोस्पेस और रक्षा विनिर्माण परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में अपनी भूमिका को मजबूत कर रहा है. दोनों संगठन विशेषज्ञता और बुनियादी ढांचे को मिलाकर भारतीय नौसेना की परिचालन जरूरतों के अनुरूप समाधान प्रदान करेंगे.