20 Nov 2025
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साइबर फ्रॉड से जुड़ा कोई-ना-कोई मामला हर दिन सामने आता है. कई सारे फ्रॉड्स सिर्फ OTP की मदद से होते हैं.
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कुछ मामलों में सिर्फ ओटीपी शेयर करने की वजह से आपके फोन या डिवाइस का एक्सेस हैकर को मिल जाता है.
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बेस्ट तो ये होगा कि आप किसी से अपना ओटीपी शेयर ना करें. लेकिन कुछ मामलों में परिस्थिति अलग हो जाती है.
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मसलन आपको एक साथ कई सारे ओटीपी आने लगें. ऐसे में असली OTP कौन-सा है और नकली कौन-सा इसे पहचानना मुश्किल हो जाता है.
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ऐसे में TRAI की ओर से जारी एक सुविधा का फायदा आप उठा सकते हैं. ट्राई के ऐलान के बाद अब हर SMS के बाद एक कोड दिखता है.
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ये कोड्स S, G या P नाम के होते हैं. यहां S के साथ खत्म होने वाले SMS ट्रांसजैक्शन के हैं. ये S-कोड आपको सेंडर के नाम में दिखता है.
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वहीं P कोड के साथ आने वाले SMS प्रमोशन होते हैं, जबकि G के साथ आने वाले SMS सरकारी योजनाओं और सेवाओं के होते हैं.
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इस तरह से आप समझ सकते हैं आपको मिला कोड किस सर्विस से जुड़ा हुआ है. अगर किसी SMS में ये कोड नहीं दिख रहे हैं, तो उसे संदिग्ध समझें.
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बिना कोड के आने वाला SMS या तो किसी शख्स ने भेजा है या फिर इनमें से किसी कैटेगरी में नहीं आता है, जो फ्रॉड हो सकता है.
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