जब भगवान हर जगह हैं तो तीर्थ यात्रा क्यों करें? प्रेमानंद महाराज ने दिया इसका जवाब

11 June 2025

aajtak.in

आजकल सोशल मीडिया पर मथुरा-वृंदावन के प्रेमानंद महाराज बहुत ही प्रसिद्ध हो रहे हैं. जिनके कारण लोग उनके पास दूर देशों से भी अपनी समस्या लेकर पहुंचते हैं.

वहीं, हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें प्रेमानंद महाराज ने बताया कि तीर्थयात्रा पर क्यों जरूरी है.

दरअसल, प्रेमानंद महाराज से एक व्यक्ति ने सवाल किया कि, 'भगवान जब कण-कण में हैं तो हमें धार्मिक स्थलों या तीर्थस्थलों पर जाना चाहिए या नहीं.'

इस पर प्रेमानंद महाराज ने उत्तर देते हुए कहते हैं कि, 'मेहंदी में लालिमा होती है लेकिन मेहंदी के पेड़ को अगर चीरा जाए तो उसमें कहीं लालिमा नहीं होती है.'

 'ठीक उसी तरह ये तीर्थ अध्यात्म के शक्ति है. जैसे-गंगा जी में स्नान करके बहुत अच्छा लगता है लेकिन अगर गंगा जी को मैला करोगे या उनमें कूड़ा फेकोगे तो कुछ अनुभव नहीं होगा. '

'अगर गंगाजी के दर्शन के लिए जा रहे हो तो साष्टांग दंडवत प्रणाम करके गंगाजी का जल माथे पर लगाओ और उसके बाद 5 से 7 बार डुबकी लगाओ. उससे बहुत ही अच्छा अनुभव होगा.'

'वहीं, अगर वृंदावन जा रहे हो तो परिक्रमा लगाओ, बांके बिहारी के दर्शन करो. साथ ही किसी का दिया हुआ कुछ मत खाओ, माथे पर रजरानी लगाओ, नाम जप करो.'

'ये परम पवित्र स्थान इसलिए बनाए गए हैं कि हम लोगों को अध्यात्म का सहयोग मिले. हमसे जो गलतियां हुई हैं या हमसे जो पाप हो गए हैं वो सभी नष्ट हो जाएं.'

आगे प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि ,'इन तीर्थों को बनाया इसलिए गया है कि ताकि इन जगहों पर जाकर हमारे सभी कर्म पवित्र हो जाएं.'