क्या अलग-अलग हैं श्रीमद् भागवत और श्रीमद्भगवद्गीता? जानिए अंतर

09 DEC 25

By: Aajtak.in

हिंदू धर्म में बहुत से वेद और पुराण बताए गए हैं, जिन्हें पूजा जाता है. इसके साथ ही कुछ ग्रंथ हैं, जो आपको भगवान के जीवन और उनके उपदेशों के बारे में विस्तार से बताते हैं.

 

रामायण और महाभारत की तरह ही जो ग्रंथ हिंदुओं में प्रचलित और पूजनीय है वह श्रीमद्भगवद्गीता है. 

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हालांकि, श्रीमद् भागवत भी एक ग्रंथ है. अक्सर लोग श्रीमद्भगवद्गीता और श्रीमद् भागवत को एक ही समझने की भूल कर बैठते हैं. 

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लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि श्रीमद्भगवद्गीता और श्रीमद् भागवत दो अलग-अलग ग्रंथ हैं, जिनमें बहुत अंतर है.

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यूं तो ये दोनों ही ग्रंथ भगवान श्री कृष्ण से वास्ता रखते हैं, जिसकी वजह से लोग इन्हें एक ही समझते हैं. लेकिन इनमें कुछ अंतर है. आज हम आपको दोनों में अंतर बताने जा रहे हैं. 

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श्रीमद्भगवद्गीता में जो 'भगवद' शब्द है इसका अर्थ होता है भगवान और गीता का अर्थ गीत होता है. ऐसे में भगवान के मुख से जो गीत निकलने हैं उन्हें श्रीमद्भगवद्गीता कहते हैं.

श्रीमद्भगवद्गीता

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श्री कृष्ण ने महाभारत के युद्ध के दौरान अर्जुन को जो उपदेश दिए थे, जिसमें 700 श्लोक मिलते हैं वो गीता है.

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श्रीमद् भागवत में 'भागवत' का अर्थ होता है भगवान का या भगवान के लिए या फिर भगवान के बारे में. भागवत में श्री कृष्ण और उनसे जुड़े लोगों के साथ ही उनकी कथाओं का वर्णन है.

श्रीमद् भागवत 

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श्रीमद् भागवत के 18000 श्लोक आपको भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं के बारे में बताते हैं. श्रीमद् भागवत को भागवत पुराण के रूप में जाना जाता है, जो हिंदू धर्म के 18 पुराणों में से एक है.

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