11 Sep 2025
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घर का सबसे पवित्र स्थान पूजा घर होता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में मंदिर को सही दिशा में बनवाना बेहद जरूरी होता है.
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माना जाता है कि सही स्थान पर पूजा घर होने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और परिवार में सुख-समृद्धि का संचार होता है.
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ऐसे में आइए जानते हैं कि घर में वास्तु के अनुसार, किस दिशा में पूजा घर बनवाना चाहिए और किन गलतियों से बचना चाहिए.
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वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूजा घर को पूर्व या उत्तर दिशा में बनाना शुभ माना गया है. इन दिशाओं में मंदिर होने से घर में शांति, सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है.
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वहीं, पूजा घर को भूलकर भी दक्षिण या पश्चिम दिशा में नहीं बनवाना चाहिए. ऐसा करने से अशुभ फल मिलते हैं और जीवन में बाधाएं बढ़ सकती हैं.
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घर का मंदिर कभी भी शौचालय, रसोई घर या सीढ़ियों के नीचे नहीं होना चाहिए. ऐसा करने से पूजा का फल प्राप्त नहीं होता और परिवार के सदस्यों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
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मंदिर में टूटी-फूटी या खंडित मूर्तियां कभी नहीं रखनी चाहिए. घर में इन्हें रखने से नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है और घर का वातावरण अशांत रहता है.
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सोते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि घर के किसी भी जातक के पैर मंदिर या भगवान की ओर न हों. भगवान की ओर पैर करके सोना बहुत अशुभ माना जाता है.
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