गरुड़ पुराण को सनातन धर्म के 18 बड़े पुराणों में से एक माना जाता है. इसके मुख्य देवता भगवान विष्णु है.
आइए गरुड़ पुराण के द्वारा मृत्यु के उन रहस्यों के बारे में जानते हैं, जो जीवन को सबसे ज्यादा प्रभावित कर सकते हैं.
कोई भी व्यक्ति गरीब हो या अमीर. हर किसी को मृत्यु का भय सताता है. जीवन की सबसे बड़ी सच्चाई यह है कि मृत्यु का आना एक दिन तय है. कई लोग इसी सच्चाई को लेकर जीते हैं.
गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु ने बताया है कि व्यक्ति की मृत्यु किस तरह उसके कर्मों पर निर्भर करती है.
गरुड़ पुराण के अनुसार, जो लोग अच्छा व्यवहार करते हैं, उनका शांतिपूर्ण अंत होता है. जो लोग अधर्मी और दुष्कर्मी होते हैं उन्हें बहुत ही दर्दनाक मृत्यु का सामना करना पड़ता है.
गरुड़ पुराण के अनुसार किसी व्यक्ति के जीवन के सात चक्र निश्चित होते है. इस चक्र को पूरा कर जिस व्यक्ति की मृत्यु होती है वह मोक्ष को प्राप्त करता है.
गरुड़ पुराण के अनुसार, अगर व्यक्ति खाने का सेवन करना अचानक बंद कर दे और शरीर में धीरे धीरे कमजोरी दिखने लगे तो यह भी मृत्यु का लक्षण हो सकता है.
गरुड़ पुराण के अनुसार, जब मृत्यु निकट आने लगती है तो व्यक्ति को कुछ समझ नहीं आता है. उसको मानवीय उपस्थिति और अनुपस्थिति का भी पता नहीं चलता है.
ये वो समय होता है जब व्यक्ति कभी भी कुछ भी बोलने लगता है और कभी भी हंसने लगता है. मस्तिष्क में रक्त का संचार कम होने लगता है.
इस समय व्यक्ति बहुत ही हल्का महसूस होने लगता है. उनका दूसरी दुनिया पर भी ज्यादा भरोसा बढ़ने लगता है, जो मृत्यु का एक संकेत है.
गरुड़ पुराण के मुताबिक, व्यक्ति जब अपने आखिरी क्षणों में होता है तो वह दुनिया से बिल्कुल अलग होने लगता है. हर मोह माया से दूर होने लगता है.