15 Sep 2025
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सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, सूर्य ग्रहण का समय अशुभ काल होता है, जब नकारात्मक ऊर्जाएं अधिक सक्रिय हो जाती हैं. 21 सितंबर को साल 2025 का आखिरी सूर्य ग्रहण लगने वाला है.
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इसी कारण इस दौरान पूजा-पाठ और शुभ कार्य करने की मनाही रहती है. हालांकि, ग्रहण काल में कुछ कार्य ऐसे भी बताए गए हैं जिन्हें अत्यंत शुभ और फलदायी माना गया है.
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उनमें से सबसे प्रमुख है दान करना. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहण के समय किया गया दान सामान्य दिनों के दान की तुलना में कई गुना अधिक पुण्यदायी होता है.
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गुड़ सूर्य का प्रतीक माना जाता है. मान्यता है कि ग्रहण के समय इसक दान करने से मान-सम्मान में बढ़ोतरी होती है और जीवन में तरक्की मिलती है.
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वास्तु शास्त्र के अनुसार, तांबा सूर्य की धातु है. शास्त्रों के अनुसार, इसका दान करने से सूर्य बलवान होता है और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां दूर होती हैं.
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माना जाता है कि लाल रंग सूर्य को अत्यंत प्रिय है. गरीब और जरूरतमंदों को लाल कपड़े दान करने से आत्मविश्वास और सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ती है.
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धार्मिक मान्यता के अनुसार, ये दान विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जिनकी कुंडली में राहु-केतु या शनि कमजोर हैं. इससे नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं.
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अन्न का दान महादान माना गया है. ऐसे में चावल, दाल या अन्य खाद्य सामग्री का दान ग्रहण के बाद अवश्य करना चाहिए. इससे अपार पुण्य की प्राप्ति होती है.
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