12 Sep 2025
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हर साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तिथि तक शारदीय नवरात्र मनाया जाता है. ये नौ दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना को समर्पित होते हैं.
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इस साल शारदीय नवरात्र 22 सितंबर से शुरू होंगे. नवरात्र के पहले दिन से मां की चौकी सजाने, हवन-कीर्तन करने और अखंड ज्योति जलाने की परंपरा है.
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शास्त्रों में दीपक प्रज्वलित करने का खास महत्व बताया गया है. मान्यता है इन नौ दिन दीपक जलाने से जीवन का अंधकार दूर होता है और घर में शुभता और समृद्धि का आगमन होता है.
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ऐसे में आइए जानते हैं कि नवरात्र की पावन अवधि में किन-किन स्थानों पर दीपक जलाना शुभ होता है.
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शास्त्रों में मुख्य द्वार पर दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि इससे देवी-देवताओं का घर में प्रवेश होता है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है.
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मान्यता है कि पहला दीपक घर के मंदिर या पूजा स्थान पर जलाना चाहिए. इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और जीवन की परेशानियां दूर होती हैं.
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नवरात्र के दौरान रसोई में दीपक जलाने से मां अन्नपूर्णा का आशीर्वाद प्राप्त होता है. ऐसा करने से घर में अन्न-समृद्धि बनी रहती है और परिवार में कभी अन्न की कमी नहीं होती है.
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हिंदू धर्म में तुलसी का पौधा अत्यंत पवित्र माना जाता है. नवरात्र के नौ दिनों में रोजाना शाम में तुलसी के पास दीपक जलाना चाहिए. मान्यता है कि इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और जीवनभर धन की कमी नहीं होती है.
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