24 Aug 2025
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हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्र का खास महत्व माना गया है. पूरे साल में कुल 4 नवरात्र मनाई जाती हैं, जिनमें से दो गुप्त नवरात्रि होती हैं और बाकी दो चैत्र व शारदीय नवरात्र कहलाती हैं.
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इन नौ दिनों में भक्त मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करते हैं. मान्यता है कि जो जातक इस दौरान मां का विधिपूर्वक पूजन करता है, उसकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है.
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इस साल शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 22 सितंबर 2025 से होगी और 02 अक्टूबर 2025 को इसका समापन होगा. परंपरा के अनुसार, नवरात्रि का आरंभ प्रतिपदा तिथि पर कलश स्थापना से किया जाता है.
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पंचांग अनुसार, 22 सितंबर 2025 को घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06:09 मिनट से लेकर 08:06 मिनट तक रहेगा. भक्तों को कलश स्थापना के लिए लगभग दो घंटे का समय प्राप्त होगा.
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इस दौरान किसी भी समय घटस्थापना कर मां दुर्गा की पूजा-अर्चना कर सकते हैं. इस दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:49 मिनट से लेकर दोपहर 12:38 मिनट तक रहेगा. इस शुभ घड़ी में भी घटस्थापना की जा सकती है.
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22 सितंबर को मां शैलपुत्री की पूजा की जाएगी. 23 सितंबर को ब्रह्मचारिणी, 24 सितंबर को चंद्रघंटा और 26 सितंबरको कूष्मांडा देवी का पूजन होगा.
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27 सितंबर को भक्त स्कंदमाता की उपासना करेंगे. साथ ही 28 सितंबर को षष्ठी तिथि से दुर्गा पूजा का शुभारंभ होगा और इस दिन कात्यायनी देवी की पूजा की जाएगी.
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इसके बाद 29 सितंबर को महासप्तमी पर कालरात्रि, 30 सितंबर को महाअष्टमी पर महागौरी और 1 अक्टूबर को महानवमी के दिन सिद्धिदात्री देवी की आराधना की जाएगी. नवरात्रि का समापन 2 अक्टूबर को विजयादशमी के पर्व के साथ होगा.
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नवरात्रि के दौरान यदि भक्त रोजाना श्रद्धा से मां दुर्गा की पूजा करें और उन्हें सिंदूर अर्पित करते हैं, तो माता बेहद प्रसन्न होती हैं. इस उपाय से मां दुर्गा सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं.
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