20 May 2025
aajtak.in
आगामी 27 मई को शनि जयंती है. सूर्य पुत्र शनि देव का जन्म ज्येष्ठ अमावस्या को हुआ था. भगवान शिव की कठोर तपस्या करके शनि देव को नक्षत्र मंडल में स्थान मिला, वे महत्वपूर्ण ग्रह बने और शिव कृपा से न्याय के देवता कहलाए.
हर व्यक्ति के जीवन में शनि का प्रभाव पड़ता है. शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या हर राशि को प्रभावित करती है. शनिदेव व्यक्ति को उसके कर्मों का फल देते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि शनि देव की वक्र दृष्टि से बचने के लिए कौन से काम नहीं करना चाहिए.
जो लोग अपनी माता, पत्नी, बहन या किसी अन्य महिला का अपमान करते हैं, उन्हें शनि देव जरूर दंडित करते हैं.
जो लोग गरीब और असहाय लोगों को प्रताड़ित करते हैं, उनसे शनिदेव हमेशा दुखी रहते हैं. ऐसे लोगों को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक कष्टों का सामना करना पड़ता है.
जो लोग अपने घर में बड़े-बुजुर्गों के साथ बुरा बर्ताव करते हैं, ऐसे लोगों को भी शनि देव दंडित करते हैं.
जो लोग शराब, जुआ, चोरी, हत्या या अन्य तामसिक प्रवृत्ति में फंसे हुए हैं, उनको भी शनि देव का प्रकोप सहन करना पड़ता है.
जो व्यक्ति किसी के प्रति द्वेष और ईर्ष्या की भावना रखता है, उससे घृणा करता है. कर्म और वचन से दूसरों को कष्ट देता है. दूसरों के साथ अन्याय करता है, उसके हक को मारता है, ऐसे लोगों पर भी शनि देव नाराज रहते हैं.
पशु, पक्षियों या अन्य जीवों को कष्ट देने वाला व्यक्ति भी शनि देव के दंड से बच नहीं सकता है क्योंकि शनि एक न्याय प्रिय ग्रह है.
जो व्यक्ति व्यभिचारी है, महिलाओं के प्रति गलत सोच रखता है और उनका शोषण करता है. ऐसे लोगों को भी शनि देव का प्रकोप झेलना पड़ता है.