रोजाना किस चीज के सेवन से टलेगी अकाल मृत्यु? जानें क्या कहते हैं प्रेमानंद महाराज

06 July 2025

aajtak.in

मृत्यु जीवन का अटल सत्य है. गरुड़ पुराण के मुताबिक,  जब किसी व्यक्ति की मृत्यु भूख, जल में डूबने, दुर्घटना या गंभीर बीमारी से होती है, तो इसे अकाल मृत्यु कहा जाता है.

इसी पर एक भक्त ने श्री प्रेमानंद महाराज से पूछा कि “महाराज, अकाल मृत्यु से बचने का उपाय क्या है?” इस पर महाराज ने उत्तर दिया कि जब किसी व्यक्ति के पाप बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं, तो वे ‘महान पाप’ बन जाते हैं. 

ऐसे में उसकी आयु कम हो जाती है और यह अकाल मृत्यु का कारण बनती है. महाराज ने कहा कि संसार में किसी की भी अकाल मृत्यु न हो, इसके लिए एक अत्यंत सरल और पवित्र उपाय है- भगवान का चरणामृत का सेवन. 

उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति रोजाना श्रद्धा-भाव से चरणामृत पीता करता है, वह न केवल अकाल मृत्यु से बचता है, बल्कि सभी रोगों और भय से भी मुक्त होता है.

हिंदू धर्म में चरणामृत का बेहद महत्व है. यह वह पवित्र जल होता है, जिससे भगवान का अभिषेक किया जाता है. इस जल में इतनी शक्ति होती है कि यह व्यक्ति के जीवन से नकारात्मकता, रोग और मृत्यु के भय को नष्ट कर सकता है. 

महाराज ने इस बात पर एक श्लोक कहा "अकाल मृत्यु हरणं, सर्वव्याधि विनाशनं. श्रीकृष्ण पादोदकं पीत्वा, पुनर्जन्म न विद्यते."

इसका अर्थ है कि जो व्यक्ति प्रतिदिन श्रीकृष्ण या शालीग्राम जी का चरणामृत श्रद्धा से पीते हैं, उसे अकाल मृत्यु से सुरक्षा मिलती है.

महाराज ने बताया कि चरणामृत को एक कटोरी में लेकर उसमें साधारण जल मिलाकर रोज पिया जाए तो यह रक्षा कवच का काम करता है.

महाराज ने यह भी कहा कि यह पवित्र जल आत्मिक शांति, शक्ति और मोक्ष की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण साधन है.