13 Oct 2025
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मथुरा-वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज के विचार लोगों का मार्गदर्शन करते हैं. उनके इन्हीं विचारों को सुनने लोग दूर दूर से आते हैं.
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हाल ही में कथावाचक पुण्डरीक गोस्वामी जी प्रेमानंद महाराज के दर्शन करने पहुंचे थे. पुण्डरीक गोस्वामी जी ने आश्रम में प्रवेश करते ही सबसे पहले प्रेमानंद महाराज का आशीर्वाद लिया और फिर उन्हें गले लगाया.
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पुण्डरीक गोस्वामी जी महाराज जी को देखकर बोले कि, 'ठाकुर जी यहीं विराजते हैं.' फिर, उन्होंने महाराज जी को सिर पर दुपट्टा उड़ाया और उन्हें राधा रमण की तस्वीर भेंट में दी.
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फिर, प्रेमानंद महाराज पुण्डरीक गोस्वामी जी से बोले कि, ' राधा रमण मंदिर में आपके पिताजी ने जो दुलार किया था, वो हमें याद है. हमारा उनसे कोई परिचय नहीं था. लेकिन उन्होंने हमें दुप्पटा ओढ़ाया, तुलसी दल दिया.'
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'उस समय आपके पिताजी का नाम बहुत ही ज्यादा प्रकाशित था. लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि अब वो अंतर्ध्यान हो गए हैं. जो उनके पास था, वो आपको प्रदान करके चले गए.'
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'उसी कुल पंरपरा से आप राधा रमण जी के प्रेम रस का वितरण करते हुए चल रहे हैं.'
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फिर, प्रेमानंद महाराज ने पुण्डरीक गोस्वामी जी से कहा कि, 'आज प्रभु ने हमें कृतार्थ कर दिया है. हम आपसे मिलने आना चाहते थे, लेकिन ये डायलिसिस प्रक्रिया बहुत ही खराब है.'
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'इस प्रक्रिया में शरीर से एकदम हिम्मत खत्म हो जाती है. खड़े होते हैं तो आंखों के आगे अंधेरा छा जाता है और चक्कर आने लगता है. इसलिए, हम कहीं नहीं जा पाते हैं.'
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