29 Aug 2025
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हर साल भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष पूर्णिमा से पितृ पक्ष की शुरुआत होती है और इसका समापन आश्विन माह की अमावस्या को होता है. इस साल पितृपक्ष 7 सितंबर से शुरू होंगे और 21 सितंबर को खत्म होंगे.
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इस दौरान लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण करते हैं. साथ ही पितृ दोष से मुक्ति के लिए कई उपाय भी करते हैं
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मान्यता है कि इन दिनों तुलसी का पूजन करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है. तुलसी के पौधे में मां लक्ष्मी का वास माना गया है.
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तुलसी का नियमित पूजन करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है और आय में वृद्धि होती है. ऐसे में आइए जानते हैं कि पितृपक्ष में तुलसी से जुड़े किन उपायों को अपनाने से पितृ प्रसन्न होते हैं.
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पितृ पक्ष में तुलसी के पौधे के पास एक कटोरी रखें और हथेली में गंगाजल लेकर धीरे-धीरे उसमें डालें. इसके बाद सच्चे मन से पितरों को याद कर उनके नाम का 5 से 7 बार जप करें.
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इसके बाद गंगाजल का घर में छिड़काव करें. मान्यता है कि इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और पितरों की कृपा प्राप्त होती है.
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पितृ पक्ष के सोमवार, मंगलवार और बुधवार को तुलसी पूजन का खास महत्व होता है. इस दिन तर्पण करने के बाद तुलसी के पौधे के पास कपूर रखकर दीपक जलाएं.
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मान्यता है कि ऐसा करने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और घर में स्थायी सुख-शांति बनी रहती है.
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श्राद्ध पक्ष के दौरान पूर्वजों को अर्पित भोजन में तुलसी दल जरूर डालें. यह खाने को पवित्र बनाता है. माना जाता है कि इससे पितृ प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है.
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