15 Sep 2025
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हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है. मान्यता है कि इस दौरान हमारे पितृ धरती पर आते हैं और अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं.
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इसी कारण इस अवधि में लोग श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करते हैं, ताकि दिवंगत आत्माओं को शांति और तृप्ति मिल सके.
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लेकिन प्रेमानंद महाराज ने पितृ पक्ष के संदर्भ में एक अहम संदेश दिया है, जो सही मायने में श्राद्ध का महत्व बताता है. प्रेमानंद जी ने कहा कि सिर्फ श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करने से मोक्ष नहीं मिलता.
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उन्होंने कहा कि चार लड्डू खोए के बनाकर चढ़ाने से मोक्ष की प्राप्ति नहीं होती है. जिसने जिंदगीभर भजन नहीं किया, आत्मज्ञान नहीं पाया, वो चाहे कितने भी लड्डू चढ़ा ले, पिंडदान कर ले, मोक्ष नहीं मिलेगा.
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प्रेमानंद महाराज ने आगे कहा कि अगर सिर्फ पिंडदान से मोक्ष मिलता, तो हर कोई यही उपाय करता. हर किसी को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती.
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प्रेमानंद महाराज के अनुसार, पिंडदान और तर्पण पितरों को तृप्त करने का एक साधन है, लेरिन मोक्ष का मार्ग इससे अलग है.
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प्रेमानंद महाराज ने समझाया कि मोक्ष तभी संभव है, जब व्यक्ति भगवत भक्ति और आत्मज्ञान के मार्ग पर चलता है.
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उन्होंने कहा कि मोक्ष भगवत प्राप्ति से ही संभव है. आत्मबोध से मोक्ष मिलता है. जब किसी कुल में कोई महात्मा भगवत प्राप्ति कर लेता है, तभी पितरों का उद्धार होता है.
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