29 Aug 2025
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पितृ पक्ष को श्राद्ध पक्ष भी कहा जाता है. यह वो समय होता है जब अपने पूर्वजों यानी पितरों को याद करके उनका तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान किया जाता है.
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हिंदू पंचांग के हिसाब से पितृ पक्ष भाद्रपद मास की पूर्णिमा से शुरू होकर आश्विन मास की अमावस्या तक चलता है. कुल मिलाकर ये लगभग 15 दिन के होते हैं.
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इस बार पितृ पक्ष की शुरुआत 7 सितंबर, रविवार से होगा. मान्यतानुसार, पितृ पक्ष के दौरान अगर कुछ शुभ संकेत नजर आते हैं तो इन्हें पितरों की कृपा का प्रतीक माना जाता है.
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पितृ पक्ष के दौरान अगर बिना अगरबत्ती या फूलों के भी घर में हल्की-हल्की खुशबू आए तो माना जाता है कि पितर प्रसन्न हैं.
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इस समय घर की छत या आंगन में कौवा, कुत्ता या गाय का आना शुभ माना जाता है, क्योंकि इन्हें पितरों का प्रतीक भी समझा जाता है.
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पितृ पक्ष के दौरान अगर सपने में पितरों के दर्शन हो और वह खुश नजर आएं, तो ये भी उनकी प्रसन्नता का संकेत है.
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पितृ पक्ष के दौरान अगर घर में काली चींटियां नजर आने लगे तो समझ लें ये पितर आपसे प्रसन्न हैं. इसका मतलब आपका अच्छा समय शुरू होने वाला है.
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पितृपक्ष के दौरान अगर कोई गरीब या जरूरतमंद आपसे कुछ भोजन के लिए मांगे तो इसका मतलब है कि पितर आपसे प्रसन्न है.
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