1 Sep 2025
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वैदिक पंचांग के अनुसार, हर साल पितृ पक्ष की शुरुआत भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि से होती हैं. इस साल पितृपक्ष 7 सितंबर से लेकर 21 सितंबर तक रहेगा.
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धार्मिक मान्यता है कि इस दौरान पितर धरती पर आते हैं. यही कारण है कि इस अवधि में लोग तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म करते हैं.
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मान्यता है कि इन धार्मिक कार्यों से पितर प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं और परिवार पर सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. लेकिन कई बार लोग अनजाने में घर में पितरों की तस्वीर गलत दिशा में लगा देते हैं, जिससे पितर नाराज हो जाते हैं.
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ऐसे में आइए जानते हैं कि पितरों की तस्वीर किस दिशा में लगानी चाहिए.
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बेडरूम- सोने की जगह पर पितरों की तस्वीर लगाना अनादर के समान है. इससे पति-पत्नी के बीच मनमुटाव और तनाव बढ़ सकता है. यहां पितरों की तस्वीर लगाने से पारिवारिक सुख-शांति भंग होती है.
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किचन- भोजन पकाने की जगह पर तस्वीर लगाने से घर के वातावरण पर नकारात्मक असर पड़ता है और पितरों की कृपा नहीं मिलती है. इस जगहों पर पितरों की तस्वीर लगाना उनके अपमान के समान माना गया है, जिससे गृह क्लेश और बाधाएँ बढ़ने लगती हैं.
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वास्तु शास्त्र के अनुसार, पितरों की तस्वीर को उत्तर दिशा में लगाना बेहद शुभ होता है. साथ ही पितरों की तस्वीर को उत्तर-पूर्व दिशा में भी लगाया जा सकता है.
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दक्षिण दिशा को पितरों की दिशा कहा गया है. इस प्रकार तस्वीर लगाने से पितरों को सम्मान मिलता है और वे प्रसन्न होकर घर-परिवार पर कृपा करते हैं.
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