15 Sep 2025
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इस वर्ष पितृ पक्ष 7 सितंबर 2025 से शुरू होकर 21 सितंबर 2025 तक रहने वाला है.
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ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष के समय पूर्वज (पितृ) धरती पर आते हैं और अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं.
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इस दौरान श्राद्ध और तर्पण करने से पितरों की आत्मा प्रसन्न होती है और परिवार को समृद्धि, सुख और शांति का आशीर्वाद मिलता है.
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लेकिन शास्त्रों और ज्योतिष में कुछ विशेष सावधानियों का भी उल्लेख है, जिनका पालन न करने पर पितृ दोष लगने की आशंका होती है.
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पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष का समय पूरी तरह से पूर्वजों की स्मृति और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए समर्पित होता है.
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लेकिन ऐसी मान्यताएं हैं कि पूर्वजों द्वारा छोड़ी गई कुछ चीजों का उपयोग करना वर्जित है. इससे वंशज को कई तरह की समस्याएं झेलनी पड़ सकती हैं.
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मृतक व्यक्ति के कपड़ों का उपयोग पितृ कभी नहीं करना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है.
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मृतक की घड़ी कभी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इसे घर में कहीं सहेजकर रख देना ही बेहतर होता है.
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मृतक लोगों के जूते कभी इस्तेमल नहीं करने चाहिए. इन चीजों को उपयोग न करना लोक मान्यताओं पर आधारित है.
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