03 Aug 2025
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इस साल पितृपक्ष की शुरुआत 7 सितंबर से हो रही है और इसका समापन 21 सितंबर को होगा. हिंदू धर्म में पितृपक्ष का खास महत्व होता है.
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इन 15 दिन लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण करते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है पितृ सदैव परिवार की रक्षा करते हैं.
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गरुड़ पुराण में इस पवित्र काल के दौरान कई नियम बताए गए हैं. मान्यता है कि मृतक की कुछ चीजों को छूना या उनका उपयोग करना अशुभ फल दे सकता है.
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ऐसा करने से परिवार को पितृ दोष का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में आइए जानते हैं, वे कौन-सी वस्तुएं हैं जिन्हें मृतक के जाने के बाद पितृपक्ष भूलकर भी नहीं छूना चाहिए.
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इंसान को अपने कपड़ों से गहरा लगाव होता है. गरुड़ पुराण के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति मृतक के वस्त्र पहनता है, तो माना जाता है कि आत्मा उस पर आकर्षित हो सकती है.
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इसलिए मृत्यु के बाद मृतक के कपड़ों को दान कर देना सबसे उत्तम माना जाता है. इससे उनकी आत्मा को शांति मिलती है और परिवार पर पितृ दोष का प्रभाव भी नहीं पड़ता है.
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कपड़ों की तरह गहनों से भी इंसान का विशेष लगाव होता है. गरुड़ पुराण में बताया गया है कि मृतक के आभूषण का सीधा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से आत्मा का संबंध जीवित व्यक्ति से जुड़ सकता है. बेहतर होगा कि पुराने गहनों को गलाकर नए आभूषण बनवाए जाएं.
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घड़ी को समय का प्रतीक माना जाता है. गरुड़ पुराण के अनुसार मृतक की घड़ी पहनने से पितृ दोष पैदा हो सकता है. इसलिए ऐसी घड़ी को प्रयोग में लाने के बजाय दान कर देना शुभ माना गया है.
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