10 June 2025
aajtak.in
नीम करोली बाबा भारत के महान संत थे. उनका जीवन प्रेम, सेवा और ईश्वर के प्रति गहरी भक्ति का प्रतीक था.
नीम करोली बाबा को हनुमान जी का अवतार माना जाता है. कहा जाता है कि उन्हें मात्र 17 साल की उम्र में ही ज्ञान की प्राप्ति हो गई थी.
मान्यता है कि जब जीवन की परेशानियां आपको थका देती हैं और भाग्य से भरोसा उठने लगता है, तब नीम करोली बाबा की शिक्षाएं नया आत्मबल और सकारात्मक ऊर्जा देती हैं.
कहा जाता है कि नीम करोली बाबा पर हनुमान जी की विशेष कृपा थी. उनका मानना था कि अगर कुछ बातों को जीवन में उतार लिया जाए, तो भक्त हनुमान जी के और करीब आ सकता है.
बाबा कहते थे कि जो व्यक्ति श्रद्धा से हनुमान चालीसा का पाठ करता है, उस पर संकटमोचन हनुमान जी की कृपा सदैव बनी रहती है. हनुमान जी भक्तों के दुखों को हर लेते हैं और जीवन में बल, बुद्धि और विजय प्रदान करते हैं.
नीम करोली बाबा के अनुसार, अगर आप सच्चे दिल से बजरंगबली की पूजा करते हैं, तो न केवल मन शांत होता है, बल्कि हनुमान जी शीघ्र प्रसन्न होकर आपकी प्रार्थनाएं स्वीकार कर लेते हैं.
बाबा मानते थे कि किसी के लिए बुरा न सोचें, सभी से प्रेम से बात करें. हनुमान जी ऐसे ही निर्मल हृदय वालों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं.
बाबा का कहना था कि जो व्यक्ति सेवा और दान करता है, उसे कभी भी धन की कमी नहीं आती. जरूरतमंदों की मदद करना ही सच्ची भक्ति है और यही रास्ता हनुमान जी की कृपा तक ले जाता है.