10 June 2025
aajtak.in
हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत रखा जाता है. और इसी को वट पूर्णिमा व्रत के नाम से भी जाना जाता है.
हर पूर्णिमा की तिथि पर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान-दान करना बहुत ही लाभकारी माना जाता है. पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के पूर्णिमा तिथि 11 जून यानी कल मनाई जाएगी.
ज्योतिषियों की मानें तो, ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन कुछ गलतियों से सावधान रहना चाहिए.
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन किसी से वाद-विवाद करने से बचना चाहिए और अपनी वाणी पर भी संयम रखना चाहिए.
इसके अलावा, पूर्णिमा के दिन तामसिक भोजन का सेवन करने से बचना चाहिए और न मदिरा पान करना चाहिए. ऐसा करने से श्रीहरि नाराज हो जाते हैं.
यह खास दिन दान-पुण्य के लिए विशेष फलदायी माना जाता है. ऐसे में किसी असहाय या गरीब व्यक्ति का अपमान नहीं करना चाहिए, वरना सभी जातक के सभी पुण्य नष्ट हो जाते हैं.
इस दिन नाखून और बाल भी नहीं कटवाने चाहिए. इस एक काम को करने से आपके जीवन को परेशानियों घेर सकती हैं.
पूर्णिमा के दिन घर के मुख्य द्वार को भी खाली नहीं छोड़ना चाहिए. इस दिन मुख्य द्वार पर देसी घी का दीपक जलाएं और आम के पत्ते की तोरण जरूर लगाएं.
पूर्णिमा के दिन घर के किसी भी कोने में अंधेरा नहीं रखना चाहिए. बल्कि, घर को रोशनी से जगमग रखें और घर के हर कोने में दीपक जलाएं.