नवरात्रि के दूसरे दिन होती है मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, कैसे पड़ा नाम और कैसे करें माता को प्रसन्न
चैत्र नवरात्रि का आज दूसरा दिन है और इस दिन देवी दुर्गा के ब्रह्मचारिणी रूप की पूजा की जाती है.
देवी के इस स्वरूप की उपासना करने से इंसान के अंदर तपस्या, वैराग्य, सदाचार और संयम की वृद्धि होती है.
शास्त्रों के अनुसार, मां दुर्गा ने पार्वती के रूप में पर्वतराज के यहां पुत्री बनकर जन्म लिया था.
उन्होंने शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी.
हजारों वर्षों तक कठिन तपस्या करने की वजह से मां तपश्चारिणी और ब्रह्मचारिणी कहलाने लगीं.
मां
की
पूजा में मां के मंत्रों के साथ चंद्रमा के मंत्रों का जाप करना बहुत उत्तम माना जाता है.
इस दिन माता को चांदी की वस्तु भी अर्पित की जा सकती है.
शिक्षा और ज्ञान के लिए इस दिन आप मां सरस्वती की भी पूजा कर सकते हैं.
इस दिन मां
ब्रह्मचारिणी
को शक्कर और पंचामृत का भोग लगाएं, ऐसा करने से मां प्रसन्न होती हैं.
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