10 Sep 2025
Photo: PTI
दशहरा हिंदुओं का एक बड़ा और महत्वपूर्ण पर्व है. हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, यह उत्सव आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है.
Photo: PTI
इस बार दशहरा 2 अक्टूबर, गुरुवार को मनाया जाएगा. दशहरा का पर्व बुराई पर अच्छाई का प्रतीक माना जाता है इसलिए, दशहरा को विजयदशमी के नाम से जाना जाता है.
Photo: PTI
हिंदू परंपराओं के मुताबिक, इसी दिन भगवान श्रीराम ने लंका के राजा रावण का अंत कर माता सीता को उसकी कैद से मुक्त कराया था. तभी से इस अवसर पर रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों का दहन किया जाता है.
Photo: AI Generated
हर साल दशहरा आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है. इस बार आश्विन मास की दशमी तिथि 1 अक्टूबर की शाम 7:01 मिनट से शुरू होकर 2 अक्टूबर की शाम 7:10 मिनट पर समाप्त हो जाएगी.
Photo: AI Generated
श्रवण नक्षत्र 2 अक्टूबर की सुबह 9:13 मिनट से शुरू होगा और यह 3 अक्टूबर सुबह 9:34 मिनट तक रहेगा.
Photo: ITG
दशहरे का पूजन मुहूर्त 2 अक्टूबर को दोपहर 2:09 मिनट से लेकर दोपहर 2:56 मिनट तक रहेगा. जिसकी अवधि 47 मिनट की है. साथ ही अपराह्न पूजा का समय दोपहर 1:21 मिनट से लेकर दोपहर 3:44 मिनट तक रहेगी.
Photo: PTI
हिंदू पंचांग के मुताबिक, दशहरा पर इस बार रवि योग, सुकर्मा योग, धृति योग और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का संयोग बन रहा है, जिसके कारण यह दिन बहुत ही खास रहेगा.
Photo: AI Generated
रावण दहन हमेशा प्रदोष काल में किया जाता है यानी सूर्यास्त के बाद यह समय शुरू होता है. इस दिन सूर्यास्त का समय शाम 6 बजकर 5 मिनट पर शुरू होगा, इसके बाद ही रावण दहन भी होगा.
Photo: PTI
दशहरा पर सुबह स्नान कर पूजा स्थल सजाएं. मां दुर्गा या भगवान राम की प्रतिमा के सामने दीपक जलाएं, फल-फूल चढ़ाएं. शमी के पत्ते का आदान-प्रदान करें और वाहन या शस्त्र की पूजा करें. अंत में आरती और प्रसाद बांटकर विजय व शुभता की कामना करें.
Photo: Pexels