25 Sep 2025
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हिंदू धर्म में शुभ कार्य की शुरुआत नारियल फोड़कर की जाती है. यह परंपरा सदियों से चली आ रही है. चाहे मंदिर में पूजा-पाठ हो, गृह प्रवेश, शादी-विवाह, या फिर नई गाड़ी या दुकान की शुरुआत, नारियल फोड़ना हर शुभ कार्य का जरूरी हिस्सा माना जाता है.
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नारियल को ‘श्रीफल’ कहा जाता है. यह बेहद पवित्र माना गया है, जिस कारण यह लगभग सभी देवी-देवताओं को अर्पित किया जाता है.
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दरअसल, नारियल का बाहरी भाग बहुत सख्त होता है और यह अहंकार का कारक माना जाता है. जब जातक इस सख्त खोल को तोड़ते हैं, तो इसका अर्थ होता है कि उसने अपने अंदर के अहंकार और क्रोध को तोड़कर भगवान के चरणों में समर्पित किया है.
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नारियल का सफेद भाग शुद्धता और शांति का प्रतीक भी माना जाता है. इसलिए नारियल फोड़ने से व्यक्ति के अंदर की विनम्रता को दर्शाता है.
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जब नारियल फोड़ा जाता है, तो उसका पानी चारों ओर फैल जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इससे आस-पास मौजूद नकारात्मक ऊर्जा का नाश भी हो जाता है.
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नारियल को भगवान गणेश का प्रिय फल माना जाता है. इसलिए मान्यता है कि शुभ कार्य से पहले नारियल फोड़ने से कार्य में कोई भी बाधा नहीं आती है.
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एकाक्षी नारियल मां लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है. इसे देवी को अर्पित करने से घर में धन, समृद्धि और सौभाग्य का वास होता है.
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नारियल को एक प्रतीकात्मक बलिदान के रूप में देखा जाता है. इसका मतलब है कि हम अपनी श्रद्धा और आस्था के साथ भगवान को अपने काम की शुरुआत का पहला फल अर्पित कर रहे हैं.
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