29 AUG 2025
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7 सितंबर 2025 को साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. ग्रहण की शुरुआत रात 9.58 बजे होगी और यह रात 1.26 बजे समाप्त होगा.
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इस दौरान करीब 11 बजे से रात करीब 12.22 बजे तक चंद्रमा पीक पर रहेगा. चूंकि यह भारत में दिखाई देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य होगा.
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चंद्र ग्रहण लगने से 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है. इस ग्रहण का सूतक 7 सितंबर दोपहर 12.57 बजे शुरू होगा और रात 1.26 बजे समाप्त होगा.
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चूंकि 7 सितंबर की तारीख सूतक काल और चंद्र ग्रहण में ही फंसी रहेगी. इसलिए पूरे दिन कुछ विशेष कार्य वर्जित रहेंगे.
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इस दौरान मंदिर के द्वार बंद रहेंगे. ग्रहण खत्म होने के बाद शुद्धिकरण करके ही मंदिरों में पूजा-पाठ के कार्य किए जाएंगे.
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सूतक या ग्रहण के दौरान भोजन नहीं पकाया जाता है. जो भोजन पहले से बना हो, उसमें तुलसी के पत्ते डालकर सुरक्षित रखना ही उचित होगा. तुलसी के पत्ते भी आपको सूतक काल से पहले तोड़कर रखने हैं.
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मान्यता है कि सूतक या ग्रहण काल में सब्जी काटना या सब्जी में छोंक लगाना वर्जित है. खासतौर से महिलाओं को इसका विशेष ख्याल रखना चाहिए.
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इस दौरान तेल-मसाले या तवे-कड़ाही पर कोई नया पकवान बनाए जाने की मनाही होती है. माना जाता है कि ऐसे समय में पका हुआ भोजन अशुद्ध हो जाता है.
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सूतक शुरू होने से लेकर ग्रहण खत्म होने के बाद तक कैंची, चाकू, ब्लेड जैसी चीजो का प्रयोग नहीं किया जाता है. धारदार वस्तुओं का प्रयोग अशुभ प्रभाव को और बढ़ा सकता है.
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ग्रहण और सूतक काल में कोई भी शुभ संस्कार या मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. ग्रहण काल को अशुभ माना जाता है. इसलिए इन कार्यों को करने से फल विपरीत मिल सकता है.
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