चंद्र ग्रहण से पितृपक्ष की शुरुआत, कालसर्प और पितृदोष से मुक्ति पाने के लिए करें ये एक काम

30 Aug 2025

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7 सितंबर 2025 को साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. ज्योतिषीय दृष्टिकोण से इस चंद्र ग्रहण को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

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ऐसा इसलिए क्योंकि यह चंद्र ग्रहण भारत में नजर आने वाला है. दूसरा, इस दिन पितृपक्ष की शुरुआत भी हो रही है.

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ज्योतिषविदों के अनुसार, यह चंद्र ग्रहण 2 बड़े दोषों से मुक्ति दिला सकता है. ज्योतिषविदों का कहना है कि पितृदोष और कालसर्प दोष से निजात पाने के लिए यह घड़ी बहुत अच्छी है.

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मान्यता है कि इस दिन पूजा-पाठ, मंत्र जाप, तर्पण और दान-पुण्य करने से पितरों की आत्मा की शांति के साथ-साथ पितृदोष और कालसर्प जैसे दोष से भी मुक्ति मिलती है.

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ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, चंद्र ग्रहण के दौरान किए गए कुछ उपाय अत्यंत फलदायी होते हैं. इस दिन पितरों का तर्पण करना चाहिए, जिससे पितृ दोष का प्रभाव कम होता है.

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इसके अलावा चंद्र ग्रहण में मंत्र जाप करना भी बेहद शुभ होता है. राहु-केतु के मंत्रों का जाप करने से ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं.

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इस दिन हनुमान जी की आराधना करना, हनुमान चालीसा का पाठ करना और उनके मंत्रों का जाप करना भी विशेष लाभदायक होता है.

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ग्रहण समाप्त होने के बाद दान-पुण्य करना बेहद फलदायी माना गया है. गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े या अनाज दान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और जातक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है.

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